कहा, 24 नवंबर तक वादे पूरे न हुए तो फिर से अनिश्चितकाल के लिए रोक देंगे रेलवे ट्रेक जाम
टाकिंग पंजाब
जालंधर। भारती किसान यूनियन (चड़ूनी) ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर किसान अंदोलन दौरान किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं किए गए तो वह फिर से रेलवे का चक्का जाम कर देगे। यूनियन के राष्ट्रीय प्रधान गुरनाम सिंह चड़ूनी का कहना है कि सरकार अपने वादों से पीछे हट रही है व किसानों पर दर्ज केस भी रद्द नहीं किए जा रहे हैं, जिसके कारण भारती किसान यूनियन (चड़ूनी) ने फैंसला किया है कि अगर सरकार ने किसान अंदोलन दौरान किए वादे पूरे नहीं किए, तो 24 नवंबर से अनिश्चितकाल के लिए रेलवे ट्रैक जाम कर दिए जाऐंगे
एक प्रैस वार्ता को संबोधित करते हुए गुरनाम सिंह चड़ूनी ने कहा कि सभी किसान जत्थेबंदिया 24 नवंबर को मोड़ा मंडी, अंबाला में इक्टठा हो रही हैं व वहां से सरकार खिलाफ अंदोलन की शुरूआत की जाऐगी। उन्होंने कहा कि किसान अंदोलन दौरान रेलवे ने कुछ किसानों पर पर्चे दर्ज किए थे, जिन्हें अभी तक रद्द नहीं किया गया है। अंदोलन खत्म करने के दौरान सरकार ने एमएसपी, किसानों पर केस वापस लेने व अन्य कईं वादे किए थे, जो पूरे नहीं हुए हैं। यहां तक कि केंद्र सरकार ने रेलवे को केस वापस लेने के लिए भी कोई आदेश नहीं दिया है।
उन्होंने कहा कि अगर 24 नवंबर से पहले किसानों पर किए गए पर्चे रद्द नहीं किए तो किसान यूनियन 24 नवंबर से अनिश्चितकाल तक के लिए रेलवे ट्रैक जाम कर देगी। पंजाब में छोटे किसानों के छोटे से कर्ज को लेकर भी सरकार किसानों को तंग कर रही है, जिसके कारण किसान आत्महत्या कर रहे हैं। हमने आरटीआई के जरिए 800 करोड़ रूपए की डिफाल्टर राशि वाले लोगों के नाम सार्वजनिक करने की बात कही थी, लेकिन जवाब आया कि हम इसे सार्वजनिक नहीं कर सकते, इससे देश में अफसाद हो सकता है।
उन्होंने कहा कि बैंकों का जितना भी रूपया एनपीए हो चुका है, वह 99 प्रतिशत बड़े लोगों का है। उन्होने कहा कि देश में एक दूसरे के धर्म व जात को नीचा दिखाने व एक दूसरे के धर्म को अपशब्द कहने का सिलसिला चल निकला है। हम सरकार से मांग करते हैं कि ऐसा कानून लाया जाऐ कि जो भी व्यक्ति किसी भी धर्म व जात के खिलाफ अपशब्द बोलता है, उसको सख्त से सख्त सजा दी जाए। उन्होंने लख्मीपुर मामले में किसानों पर किए गए केस भी रद्द करने की मांग की। प्रैस वार्ता दौरान जब यूनियन के राष्ट्रीय प्रधान गुरनाम सिंह चड़ूनी से सभी किसान जत्थेबंदियों के अलग अलग हो जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होने कहा कि हमने तो बहुत इक्टठे करने की कोशिश की है, पर बदकिस्मती है कि अलग अलग हो गए हैं। इस दौरान इन धरनों के कारण लोगों को होने वाली परेशानी के सवाल पर उन्हंने कहा कि हमें दिल्ली तक तो जाने नहीं दिया जाता। हम यहीं पर रहकर ही अपना अंदोलन कर सकते हैं। अगर हमारे प्रर्दशन के कारण किसी को परेशानी होती है, तो हम माफी चाहते हैं।