सीमा पर बीएसएफ के बढ़े अधिकार क्षेत्र से नाराज ममता बनर्जी की हुई बीएसएफ अधिकारियों से बहस

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बैठक मौजूद रहे गृहमंत्री अमित शाह के सामने बोली ममता बनर्जी..कहा, बीएसएफ के पास ज्यादा पॉवर से लोग परेशान

टाकिंग पंजाब

कोलकाता। पिछले साल अक्तूबर माह में बीएसएफ एक्ट में बदलाव कर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान व बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ा दिया था। इसके चलते बीएसएफ को पश्चिम बंगाल, पंजाब व असम में देश की सीमा से लगे 50 किलोमीटर तक के इलाके में तलाशी, गिरफ्तारी व जब्ती का अधिकार मिल गया था।     बीेसएफ एक्ट 1968 की धारा 139 (1) के तहत प्रावधानों के आधार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय के फैसले का असर देश के 12 राज्यों पर पड़ा। इनमें पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, गुजरात, मेघालय, असम, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा व केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर व लद्दाख शामिल हैं। इन 12 राज्यों में से राज्य असम, पश्चिम बंगाल व पंजाब में बीेसएफ का अधिकार क्षेत्र पहले के मुकाबले बहुत ज्यादा बढ़ गया है। इन राज्यों में पहले बीएसएफ बॉर्डर से 15 किलोमीटर अंदर तक कार्रवाई कर सकती थी, लेकिन अब वह 50 किलोमीटर तक बिना मजिस्ट्रेट के आदेश या वारंट के कार्रवाई कर सकेगी।   सीमा पर बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नाराज हैं। अपनी इस नाराजगी को ममता बनर्जी ने एक कार्यक्रम के दौरान जाहिर किया, जिसके चलते पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व बीएसएफ अधिकारियों के बीच बहस हो गई। कोलकाता में ईस्टर्न जोनल काउंसलिंग की बैठक दौरान जब यह बहस हुई, उस दौरान देश के गृहमंत्री अमित शाह भी वहां मौजूद थे। ममता बनर्जी का तर्क था कि इस नए कानून से आम लोग परेशान हो रहे हैं। बीएसएफ के पास ज्यादा पॉवर है, जो जनता व अफसरों के बीच तालमेल नहीं बनने देती।
ममता बनर्जी ने तो मई 2022 में बीएसएफ वालों पर गांवों में घुस कर लोगों को मारने का आरोप भी लगा दिया था। ममता बनर्जी ने कहा था कि बीएसएफ वाले लोगों को मार रहे हैं व बांग्लादेश में फेंक रहे हैं। दिसंबर में पश्चिम बंगाल विधानसभा ने बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का दायरा बढ़ाने के खिलाफ प्रस्ताव भी पास किया था।

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