एक साल में पंजाब के 3 मुख्यमंत्रियों व मंत्रियों ने शाही पकवान पर खर्च कर डाले 1.90 करोड़

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कर्ज में डूबी पंजाब सरकार के शाही मुख्यमंत्री ने 6 माह में 5.34 लाख व गरीब मुख्यमंत्री ने शाही पकवान पर खर्चे कर डाले 50 लाख रुपए 

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चंडीगढ़। पंजाब में जब भी चुनाव होते हैं तो विपक्षी पार्टीयां पंजाब पर कर्ज का रोना रोती हैं व इसका ठीकरा विपक्षी सरकार पर फोड़ देती हैं। इसक बाद जब कोई विपक्षी पार्टी खुद सत्ता में आती है तो वह सरकार ही मुख्यमंत्रियों व मंत्रियों की बैठकों व खाने पर करोड़ों रुपए खर्च कर देती हैं। उस समय इन पार्टीयों को याद ही नहीं रहता है कि पंजाब राज्य पर 2.83 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है, जो कि लगातार बढ़ता जा रहा है। पंजाब सरकार के मंत्री व अन्य नेताओं की सरकारी मीटिंगो में खाना फाइव स्टर होटलों से मंगवाया जाता है व उस समय किसी भी पार्टी को पंजाब पर चड़ा कर्ज दिखाई नहीं देता है।   यह बात हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि इसका खुलासा आरटीआइ में हुआ है। एक खबर के अनुसार आरटीआइ में यह बताया गया है कि पंजाब सरकार ने एक अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2022 तक के समय में पंजाब के तीन मुख्यमंत्रियों व मंत्रियों की बैठकों में शाही खाने पर 1.90 करोड़ रुपए खर्च कर दिए व सबसे ज्यादा खर्च मुख्यमंत्री रहे चरणजीत सिंह चन्नी के कार्यकाल में हुआ। कांग्रेस के गरीब मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के कार्यकाल में हुई एक बैठक में न केवल फाइव स्टार से खाना मंगवाया गया बल्कि हिमालयन पानी पर 5400 रुपए खर्च किए गए।    अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक पंजाब के वर्तमान मुख्यमंत्री भगवंत मान सहित तीन मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल के दौरान पंजाब भवन द्वारा मुख्यमंत्रियों व मंत्रियों के आदेश पर तैयार करवाए गए खाने पर कुल 60.20 लाख रुपए खर्च किए गए। कैप्टन अमरिंदर सिंह एक अप्रैल से 18 सितंबर, 2021 तक मुख्यमंत्री थे व उनके कार्यकाल में पंजाब भवन की तरफ से खाने पर 5.34 लाख रुपे खर्च किए गए। इसके बाद 21 सितंबर से 28 फरवरी, 2022 तक चरनजीत सिंह चन्नी मुख्यमंत्री रहे व उनके कार्यकाल में खाने के सारे रिकार्ड ही टूट गए।

   उनके इस कार्यकाल में खाने के लिए 50.07 लाख रुपए का भुगतान किया गया। पूर्व मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी के समय में पंजाब भवन की तरफ से किया गया यह सबसे ज्यादा भुगतान है। पंजाब में सत्ता परिवर्तन के बाद भगवंत मान पंजाब के मुख्यमंत्री बने व उनके कार्यकाल की 31 मार्च, 2022 तक की समयाविधि के दौरान 4.79 लाख रुपए के बिलों का भुगतान किया गया। इसके अलावा वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 1.18 करोड़ रुपए का भुगतान निजी कैटरर व होटलों को किया गया।

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