रिश्वतखोरी के इल्जाम में हुई थी गिरफ्तारी.. विजिलेंस ने रिश्वत लेते रंगे हाथों किया था आरटीए को गिरफ्तार
टाकिंग पंजाब
चंडीगढ़। पंजाब सरकार के लिए एक समस्या खड़ी हो गई है। पंजाब के सभी पीसीएस आफिसर आज से 7 दिन के लिए सामूहिक छुट्टी पर चले गए हैं। सूत्रों की माने तो लुधियाना में पीसीएस अधिकारी नरिंदर धालीवाल की गिरफ्तारी से नाराज पंजाब पीसीएस एसोसिएशन ने राज्य सतर्कता ब्यूरो के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एसोसिएशन के अधिकारी सोमवार से सामूहिक छुट्टी पर चले गए हैं। विजिलेंस ने आरटीए को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था, लेकिन अथॉरिटी का कहना है कि आफिसर की गिरफ्तारी गैर कानूनी है। पीसीएस अधिकारी नरिंदर सिंह धालीवाल लुधियाना में आरटीए के पद तैनात थे। सतर्कता ब्यूरो ने उन्हें शुक्रवार को अपने वाहनों के चालान जारी नहीं करने के लिए ट्रांसपोर्टरों से रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस गिरफ्तारी के बाद पीसीएस एसोसिएशन ने बैठक की, जिसमें पीसीएस अधिकारी को अवैध, गलत, मनमाने ढंग व उचित प्रक्रिया के बिना गिरफ्तार किए जाने के आरोप लगाएगए। बैठक में यह फैंसला लिया गया कि राज्य के सभी पीसीएस अधिकारी 9 जनवरी से पूरा हफ्ते सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर जाएंगे। साथ ही कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा। एसोसिएशन ने मांग की कि धालीवाल की अवैध गिरफ्तारी की जांच के लिए सरकार को एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन करना चाहिए। इस कमेटी में प्रमुख सचिव रैंक के वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के साथ-साथ एक पीसीएस अधिकारी व परिवहन विभाग के प्रतिनिधि शामिल होने चाहिए। इसकी 13 जनवरी तक रिपोर्ट मांगी जाए व 14 जनवरी को स्थिति की समीक्षा के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाए। उधर सतर्कता ब्यूरो ने शुक्रवार को कहा था कि 18 नवंबर को मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार निरोधक हेल्पलाइन पर दर्ज एक शिकायत की जांच के दौरान पाया गया कि आरोपी धालीवाल कुछ निजी व्यक्तियों के जरिए विभिन्न ट्रांसपोर्टरों से मासिक आधार पर रिश्वत लेने में शामिल थे। इस लिहाज से ही उन पर कार्रवाई की गई है। अब पीसीएस की इस सामुहिक छुट्टी के कारण सरकार व विजीलेंस पर कितना असर पड़ता है, यह तो बाद में पता चलेगा लेकिन पीसीएस अधिकारियों के सामुहिक छुट्टी पर चले जाने से सरकार की परेशानियां बढ़ सकती हैं।