इन दिनों दुनियाभर में इलेक्ट्रिक वाहन की मांग तेजी से बढ़ रही है। ये पूरी तरह पर्यावरण के अनुकूल हैं। पारंपरिक कार की तुलना में न सिर्फ शून्य उत्सर्जन करते हैं, बल्कि इन्हें चलाने का लागत भी कम पड़ती है। इतना ही नहीं, आइसीई (इंटरनल कंबशन इंजन) पावर्ड माडल के बजाय इलेक्ट्रिक वाहनों का रखरखाव भी आसान होता है। ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि जीवाश्म ईंधन वाले वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहनों में कम कंपोनेंट्स (घटक) होते हैं। हालांकि यह किसी से छिपा नहीं है कि पेट्रोल-डीजल वाले वाहनों से कार्बन डाइआक्साइड का उत्सर्जन होने के कारण ये पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। हालांकि इलेक्ट्रिक इंजन अभी भी नये जमाने की तकनीक है। यही वजह है कि कई बार संभावित खरीदार इसे लेकर दुविधा की स्थिति में होते हैं कि इसे खरीदना सही होगा या नहीं?
