पहलगाम आतंकी हमला के विरोध में उतरा मुस्लिम समाज.. बीच चौराहे फांसी देने की मांग

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मुसलमानों ने फूंका आंतकवाद का पुतला.. पाकिस्तान मुर्दाबाद के लगाए नारे लगाए, शाही इमाम बोले, कोई केस न चले, सीधे हो फांसी …

टाकिंग पंजाब

लुधियाना। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले के विरोध में बुधवार को पंजाब के विभिन्न शहरों में विरोध प्रदर्शन किया गया। इस विरोध प्रर्दशन में हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई व अनेक धर्मो के लोगों ने शामिल होकर आंतकवाद के खिलाफ आवाज उठाई। इन सभी ने इस हमले को जहां कार्यरता भरा कहा, वहीं इस हमले के दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग भी की। इस हमले के विरोध में लुधियाना में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने आतंकियों के कृत्य की निंदा की व मृतकों को श्रद्धांजलि दी। इससे पहले मुस्लिम समजा के लोगों ने नमाज अदा की।  प्रदर्शन के दौरान मुस्लिम समुदाय ने आतंकवाद का पुतला जलाया व ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’‘आतंकवाद मुर्दाबाद’ के नारे लगाए। समुदाय के नेता मुहम्मद मुस्तकीम का कहना है कि कश्मीर में आतंकियों द्वारा निहत्थे लोगों पर किया गया हमला निंदनीय है। इसका पूरा मुस्लिम समाज विरोध करता है। इस प्रदर्शन में पंजाब के शाही इमाम उस्मान लुधियानवी भी शामिल हुए। शाही इमाम ने इस हमले को नापाक हरकत बताते हुए कहा कि मैं मानता हूं कि पिछले 4 दशक के अंदर यह सबसे बड़ा हमला है। लोगों को नाम पूछकर मारा गया है। लोग निहत्थे थे ओर वह किसी के खिलाफ कोई षड़यंत्र रचने नहीं गए थे।   उनकी हत्या कर देश के अंदर नफरत फैलाने की साजिश रची गई है। शाही इमाम ने कहा कि मैं भारत सरकार से कहना चाहता हूं कि जिस तरह आतंकी पकड़े जाते हैं, मुकदमे चलते हैं, लंबी प्रक्रिया होती है, लेकिन इस बार की कार्रवाई में कोई लंबा मुकदमा न चलाया जाए। फास्ट ट्रैक अदालत में केस चलाकर 10 के अंदर फैसला हो और आतंकियों को बीच चौराहे पर लाकर फांसी दी जाए। शाही इमाम ने कहा कि आतंकियों का कोई धर्म नहीं होता। उनकी तो कोशिश होती है कि किसी तरह ऐसी हरकतें कर नफरत फैलाई जाए। इसी बीच कुछ लोगों को बहाना भी मिल जाता है। वह इसका फायदा उठा दो समुदायों के बीच नफरत फैलाना शुरू कर देते हैं।  पंजाब के शाही ने कहा कि यह इस्लाम को बदनाम करने की कोशिश है। मैं भारत के मुसलमानों से कहना चाहता हूं कि आतंकियों ने इस्लाम का नाम लेकर इस्लाम को बदनाम करने की कोशिश की है। इसलिए, हम सभी को आतंकवाद के खिलाफ खुलकर सामने आना होगा। किसी भी कीमत पर यह बात आतंकी संगठनों और पाकिस्तान को बतानी होगी कि वह जो करने की कोशिश कर रहे हैं, उनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। ऐसा पहली बार हुआ है कि कश्मीर के मुस्लिम संगठनों ने ऐलान किया है कि इस हमले के विरोध में जम्मू-कश्मीर बंद रहेगा। वहां के बहुसंख्यक मुसलमानों को भी समझ में आ गया है कि आतंकियों का मकसद देश को बर्बाद करना है, इससे ज्यादा कुछ नहीं।   शाही इमाम ने कहा कि मैं सभी मुसलमानों की ओर से इस आतंकी हमले की निंदा करता हूं। साथ ही स्पष्ट रूप से भारत के लोगों से कहना चाहता हूं कि इस्लाम को मानने वाले कभी आतंकी नहीं हो सकते। देश और दुनिया के मुसलमान गैर-मुस्लिमों के साथ होने वाली ऐसी किसी भी घटना के खिलाफ खड़े हैं। किसी भी आतंक को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं, मोहम्मद शाकिब ने कहा कि यह बहुत गलत हुआ है। उन्होंने कहा- बताया जा रहा है कि आतंकी पाकिस्तान से आए थे और मुसलमान थे। मैं मानता हूं ऐसा करने वाले मुसलमान नहीं हो सकते। मोहम्मद इब्राहिम ने इस मामले में कहा कि ऐसा काम करने वाले लोगों को बीच चौराहे पर फांसी दी जानाी चाहिए।

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