नईं दिल्ली। देश में लोकसभा चुनाव 2024 यानी अगले साल होने हैं। देखा जाए तो देश में होने वाले इन सबसे बड़े चुनावों में बस 7-8 महीने का वक्त बचा है, जिसके चलते अब सियासी पार्टियां अपनी शक्ति साधने में जुट गई हैं। विपक्ष के नेताओं ने पीडीए नाम से गठबंधन बनाया है व इस गठबंधन के नेताओं की एक राउंड बैठक पटना में बीते दिनों हुई थी। उनकी अगली बैठक 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु में होनी है व 17 जुलाई को विपक्ष के नेता बेंगलुरु में रात्रिभोज करेंगे। वहीं, 18 जुलाई को विपक्ष के नेता एक साथ बैठकर बीजेपी विरोधी रणनीति तय करने वाले हैं व उसी दिन दिल्ली में एनडीए अपने सहयोगियों को एकजुट कर बड़ा शक्ति प्रदर्शन करने वाली है। लोकसभा चुनाव से पहले 18 जुलाई की यह तारीख काफी अहम मानी जा रही है। इसका कारण यह है कि एक तरफ विपक्ष की बैठक होने जा रही है, वहीं एनडीए अपने सहयोगियों के जरिए अपना कद दिखाकर विपक्ष को चित करने की कोशिश में जुट गई है। इसी बानगी में आज गृह मंत्री ने यूपी में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर एक बार फिर एनडीए में शामिल कर विपक्ष का आत्मविश्वास डगमगाने की कोशिश की। अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि ओम प्रकाश राजभर से दिल्ली में भेंट हुई और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में आने का निर्णय लिया। मैं उनका एनडीए परिवार में स्वागत करता हूं। ओपी राजभर के आने से उत्तर प्रदेश में एनडीए को मजबूती मिलेगी और मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए द्वारा गरीबों व वंचितों के कल्याण हेतु किए जा रहे प्रयासों को और बल मिलेगा। विपक्ष के नेताओं की होने वाली बैठक में 24 दलों के हिस्सा लेने की बात सामने आ रही है, तो एक-एक पुराने साथियों को साथ लेकर विपक्ष की एकजुटता को देखते हुए बीजेपी ने भी अपने एनडीए गठबंधन से पार्टियों को जोड़ने का काम तेज कर दिया है। भाजपा उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूरब से लेकर पश्चिम तक लगातार पार्टियों को जोड़ रही है। बिहार में एनडीए के पुराने सहयोगी और खुद को पीएम नरेंद्र मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग पासवान को भी गठबंधन में वापस लिया जा रहा है। जीतनराम मांझी पहले ही एनडीए का हिस्सा बन चुके हैं। वहीं, इसी बीच पवन कल्याण की अगुवाई वाली जन सेना पार्टी 18 जुलाई को दिल्ली में एनडीए की बैठक में हिस्सा लेगी। पार्टी ने बयान जारी कर कहा कि पवन कल्याण इस बैठक में शामिल होने के लिए 17 जुलाई को ही दिल्ली पहुंच जाएंगे। साफ है एनडीए की 28 तो पीडीए के साथ 24 दलों की 2 अलग-अलग जगहों पर होने वाली बैठक में सियासी सरगर्मी तेज होगी। अब विपक्ष व सत्तापक्ष की यह बैठके क्या रंग लाती हैं, यह तो बाद में पता चलेगा, लकिन इन बैठकों से यह तय हो गया है कि विपक्ष व सतापक्ष दोनों ही 2024 को होने वाले लोकसभा चुनावों के लेकर गंभीर नजर आ रहे हैं।
2024 लोकसभा चुनावो की तैयारी में जुटा विपक्ष.. विपक्ष ने बनाया पीडीए नाम से गठबंधन
17 व 18 जुलाई को बेंगलुरु में होनी है पीडीए की बैठक ..सतापक्ष भी दिखाऐगा ताकत.. दोनों करेंगे शक्ति प्रदर्शन
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