सुरक्षा में सेंध पर हंगामा करने पर लोकसभा के 33 व राज्यसभा के 34 सांसद सस्पेंड…

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लोकसभा में सस्पेंड होने वालों में नेता अधीर रंजन चौधरी समेत कांग्रेस के 11, तृणमूल कांग्रेस के 9, डीएमके के 9 व 4 अन्य दलों के सांसद शामिल

टाकिंग पंजाब
नई दिल्ली। हाल ही में संसद की सुरक्षा में हुई चूक पर विपक्षी दल का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र के 11वें दिन भी लोकसभा में खूब हंगामा हुआ। हंगामा इतना बढ़ गया कि स्पीकर ओम बिड़ला को हंगामा करने वाले 33 सांसदों को सस्पेंड करना पड़ गया।
    सस्पेंड होने वालों में नेता अधीर रंजन चौधरी समेत कांग्रेस के 11, तृणमूल कांग्रेस के 9, डीएमके के 9 व 4 अन्य दलों के सांसद शामिल हैं। सदन में आज लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कार्यवाही शुरू होते ही 15 मिनट की स्पीच वेते हुए कहा कि घटना पर राजनीति होना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके बाद हंगामा शुरू हुआ तो सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया। इसके बाद में 2 बजे कार्यवाही शुरू हुई लेकिन सांसदों के निलंबन के बाद सदन कल तक के लिए स्थगित हो गई।
क्या बोले स्पीकर ओम बिड़ला
    संसद को स्थागित करने से पहले स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि संसद की सुरक्षा चूक मामले में उच्चस्तरीय जांच जारी है। मामले में जांच कमेटी गठित की गई है। पहले भी जब इस तरह की घटनाएं हुईं तो पूर्व स्पीकरों के जरिए ही जांच प्रक्रिया आगे बढ़ी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस घटना को लेकर राजनीति हो रही है। सदन में लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत ही चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सदन में नारेबाजी करना, तख्तियां लाना, विरोध करते हुए वेल में आना, आसंदी के पास आना ठीक नहीं है। देश के लोग भी इस आचरण को पसंद नहीं करते। लोकसभा से जिन सांसदों को सस्पेंड किया गया है, उनका सुरक्षा में चूक मामले से संबंध नहीं है।
    उधर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांसदों के निलंबन को लोकतंत्र पर हमला बताया है। उन्होंने कहा कि पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया। अब मोदी सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। निरंकुश मोदी सरकार में 47 सांसदों को निलंबित करके लोकतांत्रिक मानकों को डस्टबिन में फेंका जा रहा है। हमारी मांग है कि गृह मंत्री अमित शाह इस मुद्दे पर दोनों सदनों में बयान दें और इस पर चर्चा हो। इस दौरान कांग्रेस व अन्य सहयोगी पार्टी के नेताओं ने खूब हंगामा किया, जिसके बाद लोकसभा की कार्रवाही को कल तक के लिए स्थागित कर दिया गया।
    मामला यहां नहीं थमा। राज्यसभा में भी लोकसभा में घुसपैठ मुद्दे पर हंगामा हुआ। सदन की कार्यवाही पहले 11.30 बजे तक स्थगित की गई। इसके बाद जब कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की और गृह मंत्री अमित शाह से बयान देने की मांग की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ को लेटर लिखा है। इसमें उन्होंने कहा कि टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन का सस्पेंशन हटा लेना चाहिए। ऐसा करना संसदीय परंपरा का उल्लंघन है।

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