विधानसभा चुनावों में 92 सीटें जीतने वाली आप को इन लोकसभा चुनावों में मिली 54 विधानसभा हलकों में हार
टाकिंग पंजाब
जालंधर। करीब ढाई साल पहले पंजाब में हुए विधानसभा चुनावों में 117 में से 92 सीटें जीतने वाली आप का ग्राफ हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में काफी नीचे आ गया है। हालात यह बन गए हैं कि विधानसभा चुनावों में 92 सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी को इस लोकसभा चुनाव में 54 विधानसभा हलकों में हार का मुंह देखना पड़ा है। इतना ही नहीं, इस चुनाव में आप को 32 हल्कों में मात्र लीड ही मिल पाई है व वह लीड़ भी नामात्र ही रही है। मात्र जालंधर हलके की बात करें तो इस हलके में आम आदमी पार्टी तीसरे नंबर पर रही है। हालांकि पार्टी के विधायक व मंत्री जालंधर जिले के रहने वाले है। इसके बावजूद जालंधर में कांग्रेसी उम्मीदवार चरणजीत सिंह चन्नी को 390053 वोट मिले थे किसानों के विरोध के बावजूद भाजपा के सुशील कुमार रिंकू 214060 वोट हासिल करने में कामयाब रहे। इसके उल्ट पंजाब में आप की सरकार होने के बावजूद जालंधर हल्के से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार पवन कुमार टीनू को 208889 वोट ही मिले। इसके अलावा जालंधर कैंट व आदमपुर में भी आप का हालात ठीक नहीं रहे। जालंधर कैंट में आप 20246 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रही है तो वहीं आदमपुर में चन्नी को मिले 41243 वोट के जवाब में आप 27172 वोट ही हासिल कर पाई। हैरानी की बात तो यह है कि पंजाब में आप की सरकार होने व इस लोकसभा चुनावों की कमान पंजाब में खुद सीएम के थामने के बावजूद इस तरह के प्रर्दशन ने आप पार्टी के उच्च नेताओं की नींद उड़ा दी है। आप के लिए परेशानी की बात यह भी है कि इस बार इन लोकसभा चुनावों में विरोधी पार्टियों का वोट प्रतिशत भी बढ़ा है। पंजाब में 13 में से 13 सीटें जीतने का दावा करने वाली आप इस चुनाव में मात्र 3 सीटों पर ही सिमट कर रह गई है, जिसके कारण अब पार्टी में इस हार का मंथन शुरू हो गया है। पंजाब में मात्र 3 सीटें जीतने के बाद पंजाब के सीएम भगवंत मान ने 7 जून से मीटिंग बुला ली है। माना जा रहा है कि इस मीटिंग में पार्टी विधायक, संगठन सचिव संदीप पाठक व अन्य भी मौजूद रहेंगे। मीटिंग में पार्टी को 10 सीटों पर मिली हार के कारण जानने की कोशिश की जाएगी। यह भी चर्चा होगी कि ऐसे कौन से कारण रहे कि पार्टी को इस तरह की मात मिली व यह भी देखा जाऐगा कि इन चुनावों में विधायकों का योगदान कितना रहा। हालांकि सरकार ने खुफिया विंग से लोकसभा चुनाव दौरान विधायकों की भूमिका कैसी रही व चुनाव में किस प्रकार की कमियों रहीं, इस बारे रिपोर्ट भी मांग ली है। माना जा रहा है कि इस हार का गुस्सा कुछ विधायकों पर निकल सकता है।