पंजाब पुलिस ने जारी किए सख्त ऑर्डर.. पेरेंट्स को 3 साल कैद, 25 हजार जुर्माना.. किसी ओर का हुआ वाहन तो वाहन मालिक को मिलेगी सजा
टाकिंग पंजाब
चंडीगढ़। पंजाब में एक कड़ी कानून लागू होने जा रहा है, जिसके तहत अगर पुलिस ने नाबालिग बच्चे को स्कूटी-बाइक या कार चलाते पकड़ लिया तो उसके मां-बाप को 3 साल कैद व 25 हजार जुर्माना हो सकता है। इतना ही नहीं, अगर नाबाविग बच्चे ने किसी दूसरे से मांगकर वाहन चलाया ओर वह पकड़ा गया तो फिर वाहन के मालिक को यह सजा मिलेगी। सावधान रहिएगा क्योंकि पंजाब पुलिस 31 जुलाई से इस प्रकि्रया को शुरू करने जा रही है। पंजाब के एडीजीपी (ट्रैफिक) ने इस संबंध में सभी जिलों के एसएसपी व पुलिस कमिश्नरों को ऑर्डर जारी कर दिए हैं। इस आदेश के अनुसार अंडरएज ड्राइविंग मामले में मां-बाप या वाहन मालिक पर मोटर व्हीकल एक्ट (संशोधन 2019) की धारा 199 ए और 199 -बी के तहत कार्रवाई होगी। इस बारे में एडीजीपी ने जो ऑर्डर जारी किया है, उसके मुताबिक 31 जुलाई के बाद अगर कोई अंडरएज ड्राइविंग यानी 18 साल से कम उम्र का बच्चा दोपहिया या कार वगैरह चलाता मिले तो उसके मां-बाप या वाहन मालिक पर कार्रवाई होगी।
इस बारे में पुलिस कमिश्नरों और सभी एसएसपी को पूरे जुलाई महीने में अवेयरनेस ड्राइव चलाने को कहा गया है। इसमें वह मां-बाप और वाहन मालिकों को जागरूक करेंगे। एडीजीपी के मुताबिक इस मामले में दूसरे वाहन मालिकों को भी बताया जाए कि वह 18 साल से कम उम्र के किसी बच्चे को अपनी गाड़ी न दें। अगर पुलिस ने पकड़ लिया तो फिर उस सूरत में गाड़ी की रजिस्ट्रेशन देखकर मालिक पर कार्रवाई होगी। अब इस आदेश के बाद नाबालिग के पडौसी, रिश्तेदार व दोस्तों को भी चौंकना रहना होगा, नहीं तो नाबालिग को वाहन चलाने देने के चलते उन्हें जेल की हवा या जुर्माना अदा करना पड़ सकता है। पंजाब पुलिस इससे पहले चलती कार के सनरूफ से बाहर निकलने पर भी रोक लगा चुकी है। एडीजीपी ने इस बारे में ऑर्डर जारी कर कहा था कि लग्जरी कारों में सनरूफ लगी होती है। नेशनल हाईवे या अन्य सड़कों पर उनसे बाहर निकलकर बच्चे या बड़े हुड़दंग मचाते हैं। इससे ड्राइवर का ध्यान भटक जाता है व ऐसी सूरत में एक्सीडेंट होता है। इसके अलावा पंजाब में सड़क हादसे रोकने को कनाडा की तर्ज पर सड़क सुरक्षा फोर्स बनाई गई है। देश में यह अपनी तरह की पहली फोर्स है, जिसकी तैनाती सिर्फ हाईवेज पर की गई है। यह गाड़ी में दिक्कत, एक्सीडेंट या अन्य इमरजेंसी में लोगों की मदद करती है। इस फोर्स में 5 हजार पुलिसकर्मी और 130 मॉडर्न वाहन हैं। सीएम भगवंत मान का दावा है कि पुलिस अब तक 500 से ज्यादा लोगों की जान बचा चुकी है। वहीं लोगों का 25 लाख से अधिक का कीमती सामान भी बचाया है। इसके अलावा पंजाब सरकार ने फरिश्ते स्कीम लागू की है। स्कीम के तहत अगर कोई सड़क हादसे में घायल हो जाता है, तो उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाने वाले को 2 हजार रुपए व सर्टिफिकेट देकर सम्मानित करने की योजना है। इस मददगार से पुलिस किसी तरह की पूछताछ नहीं करेगी। वहीं, पहले 48 घंटे घायल का हर हॉस्पिटल में इलाज फ्री होगा।