मुंबई में लगाई गई धारा-144, सुप्रीम कोर्ट का रूख कर सकता है एकनाथ शिंदे का बागी गुट
टाकिंग पंजाब
मुंबई। महाराष्ट्र में अघाड़ी सरकार को गिराने की कौशिश में लगे शिव सेना नेता एकनाथ शिंदे को बड़ा झटका लगा है। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पार्टी को बचाने की कोशिशों में जुटे हैं, वहीं दूसरी तरफ डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। एकनाथ शिंदे को लगे इस बड़े झटके के बाद बागी गुट अब इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कर रहा है।
फिल्हाल ऐहतियात के तौर पर मुंबई में धारा-144 लगा दी गई है। मुंबई पहले से ही हाई अलर्ट पर है तो पुणे में लोगों को प्रदर्शन करने और पोस्टर-पुतला जलाने पर रोक लगा दी गई है। इस बीच शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र के गृह मंत्री, डीजीपी महाराष्ट्र को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि 38 विधायकों के परिवारों के सदस्यों की सुरक्षा को दुर्भावनापूर्ण रूप से वापस लिया गया है।
महाराष्ट्र में सियासी उठापटक के पांचवे दिन शिवसेना कार्यकर्ताओं ने एकनाथ शिंदे के बेटे व कल्याण से सांसद श्रीकांत शिंदे के दफ्तर पर तोड़फोड़ की है। ठाणे के उल्हास नगर इलाके के दफ्तर में शिव सैनिकों ने पत्थर फेंके हैं। इसके अलावा शिंदे गुट के विधायक तानाजी सावंत के पुणे स्थित घर व दफ्तर पर भी तोड़फोड़ की गई है। इधर डिप्टी स्पीकर ने एकनाथ शिंदे समेत 16 विधायकों को नोटिस जारी कर 27 जून तक जवाब मांगा है। नोटिस में कहा गया है कि क्यों न आपकी सदस्यता रद्द कर दी जाए ? दरअसल, शिवसेना ने 16 बागी विधायकों के सदस्यता रद्द करने की अर्जी शुक्रवार को डिप्टी स्पीकर को दी थी।
ताजा घटनाक्रम से पता चलता है कि बागी नेता एकनाथ शिंदे का गुट 37 विधायकों की महत्वपूर्ण संख्या तक पहुंच चुका है, जो दलबदल विरोधी कानून का उल्लंघन किए बिना विधानसभा में पार्टी को विभाजित करने के लिए पर्याप्त है। इसके साथ ही शिंदे गुट में अब 42 विधायक हो गए हैं। हालांकि, शुक्रवार की सुबह उन्होंने दावा किया था कि 50 से अधिक विधायक उनका समर्थन कर रहे हैं, जिनमें शिवसेना के 40 विधायक शामिल हैं।