रेलवे के जगाने पर भी नहीं जागी पंजाब सरकार..अवैध खनन की भेंट चढ गया रेलवे पुल

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– रेल मंत्रालय ने पंजाब सरकार के मुख्य सचिव को लिखा था पत्र..साथ में भेजी थी पुल की तकनीकी रिपोर्ट 

– रेलवे ने कहा था कि अगर अवैध खनन नहीं रुका तो एक दिन धंस जाऐगा नदी पर बना पुल

टाकिंग पंजाब

पठानकोट। पंजाब की कांगड़ा वैली को पठानकोट से जोड़ने वाला अंग्रेजों के समय का बना हुआ पुल बरसात में बह गया है। रेलवे के इस पुल के बाढ़ में बह जाने के कारण रेलवे को करोड़ों रुपए का नुकसान ना उठाना पड़ा है।

सवाल यह नहीं है कि बरसात के कारण यह पुल बह गया, बल्कि सवाल यह है कि यह पुल अवैध खनन की भेंट चड़ गया है। अवैध खनन पर नकेल कसने का दावा करने वाली पंजाब सरकार भी कहीं व कहीं इस पुल के बह जाने की कसूरवार दिखाई दे रही है। ऐ

सा हम इस लिए कह रहे हैं कि रेलवे ने पंजाब सरकार को बाकायदा चिट्ठी लिखकर बताया था कि पंजाब-हिमाचल सीमा पर रेलवे पुलों के आसपास जो अवैज्ञानिक व अवैध तरीके से माइनिंग हो रही है, इससे बरसात के दिनों में पुलों को नुकसान पहुंच सकता है। लेकिन पंजाब सरकार ने रेलवे की इस चिंता को गंभीरता से नहीं लिया और नतीजा आज सबके सामने है।

रेल मंत्रालय की ओर से पंजाब के मुख्य सचिव को भेजे पत्र में लिखा था कि पठानकोट के करीब चक्की नदी में इतना अधिक अवैज्ञानिक तरीके से अवैध खनन हुआ है कि गत 31 जुलाई को इस नदी में आई बाढ़ में रेल पुल नंबर 32 का एक पिलर झुक गया व तीन अन्य पिलरों को भी नुकसान पहुंचा है। यह नुकसान इसलिए पहुंचा है कि इन पिलरों के नीचे व आसपास से खनन करने वालों ने अवैध तरीके से रेत निकाल ली थी।

रेल मंत्रालय ने पंजाब सरकार के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में यह भी कहा था कि रेल पुल नंबर 232 को भी दोनों छोर से नुकसान पहुंचा है। रेल मंत्रालय ने मुख्य सचिव को पत्र में यहां तक लिख दिया था कि लगातार हो रहे अवैध खनन से यह दोनों पुल असुरक्षित हो गए हैं। अवैध खनन के कारण असुरक्षित हुए पुलों को लेकर रेल मंत्रालय ने इस अहम विषय पर राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर आपात बैठक बुलाने को कहा था।

इतना ही नहीं, रेल मंत्रालय ने पंजाब सरकार के मुख्य सचिव को जो पत्र लिखा था उसमें बाकायदा तकनीकी रिपोर्ट भी लगाकर भेजी थी। इसमें साफ लिखा था अगर अवैध खनन न रुका तो नदी पर बना पुल धंस जाएंगे।

इस पत्र में रेल मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के 2012 के उस आदेश का भी हवाला दिया है, जिसमें कांगड़ा और पठानकोट के डीसी की एक कमेटी का गठन करके पुल नंबर 32 की सुरक्षा के लिए कदम उठाने को कहा गया था। इस कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट में अवैध खनन रोकने और पुल नंबर 32 के पिलरों को चैक-डैम से सुरक्षित करने की सिफारिश की थी।

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