विधानसभा चुनावों के चलते पंजाब में जाखड़ समेत कईं पूर्व मंत्रियों को मिल सकती है अहम जिम्मेदारी
पंजाब की 13 सीटों में अपने उम्मीदवार उतार सकती भाजपा…अपने खिलाफ बने हुए माहौल का तोड़ निकालना भी चुनौती
टाकिंग पंजाब
चंडीगढ। पंजाब में अकाली दल से अलग होने के बाद से ही भाजपा पंजाब में अपनी जमीन तालाश रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 117 में से 73 सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन सिर्फ 2 ही सीट जीत पाई थी। हालात इतने खराब थे कि पार्टी को सिर्फ 6.6% वोट मिले थे व 73 में से 54 उम्मीदवारों की तो जमानत ही जब्त हो गई थी। विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार पर गंभीरता से मंथन करते हुए पार्टी अब पंजाब में पैठ बनाने की कोशिश में जुटी गई है। इसके चलते भाजपा पंजाब में बड़े बदलाव कर सकती में है।
माना जा रहा है कि भाजपा पंजाब के प्रधान अश्विनी शर्मा की जगह पर यह जिम्मेदारी कांग्रेस से आए सुनील जाखड़ को सौंप सकती है। हालांकि इस पर किसी प्रकार की कोई मोहर नहीं लगी है, लेकिन माना जा रहा है कि पार्टी सुनील जाखड़ पर दाव खेल सकती है। सूत्रों की मानें तो पीएम नरेंद्र मोदी के आगे भी यह पंजाब के पदाअधिकारियों ने यह मांग उठाई है। दरअसल अब पंजाब भाजपा में कईं ऐसे रसूखदार नेता शामिल हो गए हैं, जिनके दम पर भाजपा पंजाब में अपनी कश्ती पार लगाने की सोच रही है।
भाजपा में पहले फतेहजंग बाजवा व राणा गुरमीत सोढ़ी शामिल हुए व उसके बाद भाजपा ने कांग्रेस में सेधमारी करते हुए कईं दिग्गज पार्टी में शामिल करवा लिए। इनमें सुनील जाखड़, पूर्व मंत्री बलबीर सिद्धू, राजकुमार वेरका, गुरप्रीत कांगड़ व शाम सुंदर अरोड़ा का नाम शामिल है। भाजपा पंजाब में बड़े चेहरों को आगे लाना चाहती है, ताकि भाजपा पंजाब में अपने खिलाफ बने हुए माहौल का तोड़ निकाल सकें। सूत्रों की माने तो ओर भी कईं दिग्गज भाजपा में शामिल होने की कतार में हैं।
पार्टी अब इन नेताओं के दम पर ही पंजाब की 13 सीटों में अपने उम्मीदवार उतार सकती है। अब पंजाब में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उबरी आम आदमी पार्टी के होते भाजपा पंजाब में खुद को साबित कर पाऐगी, यह तो आने वाला वक्त ही बताऐगा, लेकिन भाजपा पूरे जोर शोर से पंजाब की सत्ता पर काबिज होने की तैयारी कर रही है।