गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश पर्व.. 115 किस्म के 110 टन फूलों से सजाया गया गोल्डन टेंपल

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देखते ही बनेंगी सुंदर फूलों व लाइटों से सजे गोल्डन टेंपल की खूबसूरती..दर्शन करने पहुंच रही हैं लाखों में संगत 

टाकिंग पंजाब

अमृतसर। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश पर्व को लेकर तैयारियां कर ली गईं हैं। अमृतसर के गोल्डन टेंपल में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश पर्व मनाने के लिए सबसे पहले गोल्डन टेंपल में नगर कीर्तन निकाला गया।

   गोल्डन टेंपल में सबसे पहले श्री गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश 1604 में आज ही के दिन किया गया था। इस पावन पर्व का मनाने के लिए आज पूरे गोल्डन टेंपल को खुशबू से महकते हुए फूलों से सजाया गया है। गोल्डन टेंपल की सजावट के लिए 115 किस्म के 110 टन फूल लगाए गए हैं। सुंदर फूलों व लाइटों से सजे गोल्डन टेंपल की खूबसूरती आज देखते ही बन रही है।

  गुरू अर्जुन देव जी ने 1570 में गुरू रामदास द्वारा निर्मित अमृतसर तालाब के बीच में हरमंदिर साहिब गुरुद्वारे की नींव रखवाई थी, जिसे वर्तमान में स्वर्ण मंदिर के नाम से जाना जाता है। आज शाम स्वर्ण मंदिर में दीपमाला भी की जाएगी व आतिशबाजी भी की जाऐगी।

  गोल्डन टैंपल की सुंदरता को देखने के लिए लाखों लोग यहां पहुंच रहे हैं। कहा जा रहा है कि शनिवार को 2 लाख से अधिक लोगों ने गोल्डन टेंपल में माथा टेका था व आज इससे भी ज्यादा लोगों के पहुंचने की उम्मीद है।

  माना जाता है कि श्री गुरू ग्रंथ साहिब में 2 हजार से ज्यादा शब्द श्री गुरू अर्जुन देव जी के हैं, जबकि अन्य शब्द भक्त कबीर, बाबा फरीद, संत नामदेव, संत रविदास, भक्त धन्ना जी, भक्त पीपा जी, भक्त सैन जी, भक्त भीखन जी, भक्त परमांनद जी, संत रामानंद जी के हैं। इसके अलावा सत्ता, बलवंड, बाबा सुंदर जी और भाई मरदाना जी व अन्य 11 भाटों की बाणी भी गुरू ग्रंथ साहिब में दर्ज है।

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