जिला प्रधान सुशील शर्मा के खिलाफ बड़ी बगावत को क्यों हलके में ले रही है पार्टी हाईकमान
नाराज भाजपाईयों के लिए बांहे फैलाए खड़ी है आप..पंजाब प्रधान नहीं मना पाए तो आप में ऐंट्री तय।
टाकिंग पंजाब
जालंधर। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार होने के कारण अब कईं पार्टीयों के नेता नगर निगम चुनावों के मद्देनजर आप में शामिल होने की दौड़ में हैं। हाल में कांग्रेस के डिप्टी मेयर हरसिमरनजीत सिंह बंटी के साथ कईं पार्षद आप ज्वाइंन कर गए थे। आप की कांग्रेस के बाद अब भाजपा में भी सेंध लगनो की तैयारी चल रही है। जालंधर के वैस्ट हल्के में इस समय भारतीय जनता पार्टी की लीडरशिप में कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।
इस कलह के कारण हाल में हल्के के भाजपा नेताओं ने अपने इस्तीफे तक दे दिए थे। माना जा रहा है कि यह सभी भाजपा के जिला प्रधान सुशील शर्मा से खासे नाराज दिखाई दे रहे हैं। यह कोई पहला मौका नहीं है कि जिला प्रधान के कारण भाजपा में कलह की नौबत आई हो, इससे पहले भी कईं भाजपा नेता जिला प्रधान पर आरोप लगा चुके हैं।
इसके बाद भी पार्टी हाईकमान का जिला प्रधान के प्रति इतना विश्वास जताना समझ से परे लग रहा है। जिला प्रधान की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए वेस्ट हलके के वार्ड – 73 से चरणजीत कौर संधा, वार्ड – 77 से श्वेता धीर, वार्ड – 40 से वरेश मिंटू, वार्ड – 41 से अनीता, इन सभी ने इस्तीफा दे दिया, जबकि 6 अन्य नेताओं ने भी त्यागपत्र दे दिए थे।
यह ही नहीं, शनिवार शाम को वार्ड -77 में 35 महिला नेत्रियों ने मेंबरशिप से त्यागपत्र देने की घोषणा कर दी। इन सबी का कहना था कि वह कौंसलर श्वेता धीर के पक्ष में त्यागपत्र दे रही हैं। इसके अलावा मंडल 11 के महामंत्री नवीन सोनी व मंडल 10 की उप प्रधान रोजी अरोड़ा, आर.के भगत ने भी त्यागपत्र दे दिया है। इन सभी के अस्तीफों के बाद अब कुल मिलाकर संख्या 48 हो गई है।
दूसरी तरफ पंजाब प्रधान अश्वनी शर्मा आज जालंधर में हैं व वो बागियों को मनाने की कोशिश करेंगे। पंजाब प्रधान अश्वनी शर्मा ने कहा है कि पूरे मामले का हल निकाला जाएगा। अब अगर पार्टी में एक व्यक्ति को लेकर इतनी परेशानी चल रही है तो उसे प्रधान के पद पर बनाए रखना भाजपा की क्या मजबूरी हो सकती है ? क्यों उस व्यक्ति पर इतना विश्वाश जताया जा रहा है, जिसके कारण भाजपा के 50 के करीब नेता व नेत्रियों ने अपना अस्तीफा तक दे दिया है। फिल्हाल इसका जवाब तो भाजपा के उच्च नेता ही दे सकते हैं, लेकिन जिला प्रधान सुशील शर्मा के खिलाफ बड़ी बगावत से पार्टी में गुटबाजी उभर सकती है व पार्टी को इन नगर निगम चुनावों में नुक्सान उठाना पड़ सकता है।