शिकायतकर्ता ने कोर्ट में 164 सीआरपीसी के तहत बयान दर्ज करवा वापस ले ली अपनी शिकायत
डॉ. जौहल बोले ,, पुलिस ने दर्ज किया था झूठा मुकद्दमा.. उन पर जो धाराएं लगाई गई थीं वैसा कुछ हुआ ही नहीं था।
टाकिंग पंजाब
जालंधर। एससीएसटी केस का सामना कर रहे जौहल अस्पताल के मालिक डॉ. बीएस जौहल व शिकायतकर्ता के बीच कोर्ट में समझौता हो गया है। शिकायतकर्ता ने कोर्ट में 164 सीआरपीसी के तहत बयान दर्ज करवा कर अपनी शिकायत वापस ले ली है। इसके चलते डॉ. बीएस जौहल ने भी अपनी अग्रिम जमानत याचिका वापस ले ली है।
इस बारे में डॉ. बीएस जौहल ने कहा कि जिस प्रवासी मजदूर की शिकायत पर उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था, उसने भी कोर्ट में अपने बयान उनके हक में ही दर्ज करवाए हैं। डॉ. जौहल ने कहा कि प्रवासी मजदूर ने अपने बयान में कहा है कि वह डॉ. जौहल से ना तो कभी मिला है व ना ही उन्हें जानता है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने झूठा मुकद्दमा उनके खिलाफ दर्ज किया था।
उन पर जो एससीएसटी एक्ट के तहत धाराएं लगाई गई थीं वैसा कुछ हुआ ही नहीं था। अब इस एससीएसटी एक्ट के तहत दर्ज मामले को खत्म करने के लिए एक क्लोजर तैयार होगा, जिस पर डीसीपी व डीए लीगल के साईन के बाद यह मामला कोर्ट में जाऐगा जिसके बाद माननीय अदालत इस मामले को रद्द करने के आदेश जारी करेगी।
यह था मामला
महानगर जालंधर के रामामंडी में बावा बस्ती खेल की रहने वाली एक महिला की प्रसूति के दौरान मौत हो गई थी। इस दौरान महिला के पति व अन्य ने डॉ. जौहल पर जातिसूचक शब्द कहने का आरोप लगाया था। इस मामले में वैस्ट हलके के विधायक शीतल अंगुराल भी कूद पड़े थे। मामला बढा तो पुलिस ने महिला के पति की शिकायत पर अस्पताल के मालिक डॉक्टर जौहल के खिलाफ एससीएसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया था।
इसका शहर के डॉक्टरों ने विरोध भी किया। इसके बाद कुछ शहर के गणमान्य लोगों के बीच में आ जाने के कारण विधायक शीतल अंगुराल व डॉ. बीएस जौहल के बीच समझौता हो गया था। इस समझौते के बावजूद कोर्ट में मामला स्टैंड था व आज कोर्ट में दोनों पक्षों में समझौता हो गया।