हिमाचल विधानसभा चुनाव के लिए 12 नवंबर को वोट डाले जाएंगे व 8 दिसंबर को घोषित होंगे इसके नतीजे
भाजपा को सता रहा है एंटी इनकंबैंसी का डर..विरोधी पार्टीयों को हो सकता है फायदा
टाकिंग पंजाब
नईं दिल्ली। हिमाचल विधानसभा का कार्यकाल 8 जनवरी 2023 को खत्म हो रहा है व इस राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान भी आज हो गया है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 12 नवंबर को वोट डाले जाएंगे व इसके नतीजे 8 दिसंबर को घोषित होंगे। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को हिमाचल में होने वाले चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। हालांकि गुजरात मे होने वाले चुनावों की तारीखों का ऐलान अभी नहीं किया गया है। हिमाचल में 12 नवंबर को वोट डाले जाऐंगे व 8 दिसंबर को इसके नतीजे आऐंगे। माना जा रहा है कि गुजरात में विधानसभा चुनाव इन 12 से 8 दिसंबर वाले 26 दिन में ही करवाए जा सकते हैं।
इस बार गुजरात व हिमाचल प्रदेश का कार्यकाल समाप्त होने में 40 दिनों का अंतर है। इस 14वीं गुजरात विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 18 फरवरी को समाप्त होगा, जबकि 13वीं हिमाचल प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 8 जनवरी, 2023 को समाप्त होगा। गुजरात में मतदान की तारीखों की घोषणा आने वाले हफ्तों में होने की उम्मीद है। आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कुल 68 सीटें हैं, जिनमें 20 सीटें आरक्षित हैं। हिमाचल में 2017 में भाजपा ने पूर्ण बहुमत से जीत दर्ज कर सरकार बनाई थी।
चुनाव में भाजपा को 44, तो कांग्रेस को 21 सीटों पर जीत मिली थी। एक सीट पर सीपीआई (एम) व दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे। इस बार हिमाचल में होने वाले चुनावों में कुछ नईं बाते देखने को मिल सकती हैं। चुनाव आयोग के अनुसार कोई भी वोटर नामांकन तक यानी कि 25 अक्टूबर तक अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वा सकता है। इसके अलावा इस बार 80 साल से ज्यादा उम्र वाले बुजुर्गों व कोरोना पीड़ितों को घर से वोटिंग करने की सुविधा दी जाएगी।
आपको बता दें कि हिमाचल में 80 से ज्यादा उम्र वाले 1.22 लाख बुजुर्ग हैं। इसके अलावा 1184 बुजुर्ग वोटरों की उम्र तो 100 साल से भी ज्यादा है। इसके अलावा हिमाचल चुनावो में खड़े होने वाले उम्मीदवारों के अपराध व संपंति की जानकारी लोगों को ऐप के जरिए ही मिल जाऐगी। इसके अलावा चुनाव में किसी भी तरह के पैसे, ड्रग, शराब आदि का इस्तेमाल किया जाता है तो लोग इसकी जानकारी भी ऐप पर दे सकेंगे। इसके अलाव महिलाओं के लिए अलग से बूथ बनाए जाऐंगे।
एंटी इनकंबैंसी का मिल सकता है विरोधी पार्टीयों को फायदा
हर राज्य में जब भी चुनाव होते हैं तो मौजूदा सरकार को एंटी इनकंबैंसी का सामना करना ही पड़ता है। पंजाब में हुए चुनावों में तो इसका असर कुछ ज्यादा ही देखने को मिला था। हिमाचल में भी यह एंटी इनकंबैंसी का फायदा विरोधी पार्टीयों को हो सकता है। यह इसलिए भी कहा जा रहा है, क्योंकि पिछले साल 3 सीटों के लिए हुए उपचुनाव में भाजपा को सभी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था।
दूसरी बात यह है कि हिमाचल में इस बार 4 मुद्दे चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। इनमें महंगाई, बेरोजगारी, कर्मचारियों की समस्या व पुलिस पेपर लीक का मामला शामिल है। इसके बावजूद हिमाचल में दोबारा सरकार बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोर्चा संभाले हुए हैं। प्रधानमंत्री पिछले 17 दिनों में हिमाचल में अब तक 4 रैलियां कर चुके हैं। इसके अलावा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी शुक्रवार यानि कि आज शिमला के सोलन में रैली की।