सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आमने सामने तो होंगे पंजाब व हरियाणा के मुख्यमंत्री..लेकिन मुद्दे के हल के कम ही हैं आसार …
टाकिंग पंजाब
चंडीगढ़। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सतलुज-यमुना लिंक नहर का विवाद सुलझाने के लिए पंजाब व हरियाणा के मुख्यमंत्रीयों की बैठक 14 अक्तूबर को होने तो जा रही है, लेकिन इस बैठक में इस मसले का हल होना न के बराबर ही दिख रहा है। दोनों राज्यों को इस मुद्दे पर 19 जनवरी 2023 को कोर्ट में अपने जवाब दाखिल करने हैं। अब बैठक तो हो रही है व इस बैठक में पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्री आमने-सामने भी बैठेंगे, लेकिन लग रहा है कि यह बैठक एक औपचारिक बैठक बन कर रह जाऐगी।
पंजाब के सीएम भगवंत मान तो पहले ही कह चुके हैं कि महज एक मुलाकात में किसी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी होगा। पंजाब सरकार में मंत्री कुलदीप धालीवाल भी कह चुके हैं कि पंजाब में पानी का स्तर काफी नीचे जा चुका है। पंजाब के पास तो अपने पीने के लिए पानी नहीं है। वह साफ कह चुके हैं कि उनके पास किसी को देने के लिए एक बूंद पानी नहीं है।
पंजाब के मुख्यमंत्री व मंत्री के ब्यान से लगता है कि इस बैठक में एसवाईएल के मुद्दे का हल होगा, यह मुश्किल ही लग रहा है। इसका एक कारण यह भी है कि इससे पहले भी पंजाब में जितनी पार्टीयों की सरकारें रहीं हैं, उन्होंने इस मुद्दे पर अपना स्टैंड कायम रखा था। अब अगर पंजाब में आप की सरकार इस मामले में नर्म पड़ती है तो सरकार विरोधी पार्टीयों के निशाने पर आ जाऐगी व सरकार किसी भी हालत में ऐसा करना नहीं चाहेगी।