पंजाब के कई मंत्री हरियाणा को पानी देने से कर रहें हैं इनकार… वहीं 2016 में हरियाणा के पक्ष में फैसला दे चुका है सुप्रीम कोर्ट
टाकिंग पंजाब
चंडीगढ़। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर विवाद को सुलझाने के लिए चंडीगढ़ में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान व हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की मीटिंग शुरू हो गई है।
मीटिंग से पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि आज केवल नहर निर्माण पर बातचीत की जानी है व पानी के संबंध में बातचीत बाद में की जाएगी चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास पर हो रही मिटिंग में पंजाब सरकार व सभी विपक्षी दल हरियाणा के लिए पानी न होने की बात कह रहे हैं। वहीं हरियाणा सरकार भी पानी पर हरियाणा का हक होने और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सामने रख रही है।
दोनों सरकारों को इस मीटिंग के नतीजे की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश करनी है। सीएम भगवंत मान राज्य के हितों व अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात कह चुके हैं। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल व कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग भी कह चुके हैं कि सीएम भगवंत मान मीटिंग में स्पष्ट कर दें कि पंजाब के पास हरियाणा को देने के लिए एक बूंद पानी भी नहीं है।
जहां पंजाब के कई मंत्री हरियाणा को पानी देने से मना कर रहें हैं, वहीं सुप्रीम कोर्ट एक बार 10 नवंबर 2016 को फैसला हरियाणा के पक्ष में दे चुका है। कोर्ट ने आदेश दिया था कि एसवाईएल का बकाया काम पूरा करके हरियाणा को पर्याप्त पानी दिया जाए। 28 जुलाई 2020 को कोर्ट ने केंद्र सरकार को दोनों राज्यों के बीच मध्यस्थता का आदेश दिया परंतु कोई नतीजा नहीं निकला था।
आपको बता दें कि हरियाणा CM मनोहर लाल दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल से भी इस मुद्दे को लेकर विस्तार से चर्चा कर चुके हैं लेकिन उस मीटिंग में भी समस्या का कोई हल नहीं निकला।