पुलिस ने वार्ड 66 के पार्षद दविंदर रौनी, अमनदीप सिंह व हरजीत सिंह को किया गिरफ्तार..
पुलिस ने पार्षद की गाड़ी भी की जब्त.. मौके से मिले रेत से भरे हुए ट्रैक्टर ट्राली और टिप्पर
टाकिंग पंजाब
जालंधर। वार्ड संख्या 66 से आजाद उम्मीदवार खड़े होकर पार्षद का चुनाव जीतने वाले दविंदर सिंह रौनी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। रौनी आजाद रूप से पार्षद का चुनाव जीते थे व इसके बाद उन्होंने कांग्रेस सरकार के समय कांग्रेस में जाने की काफी कौशिश की लेकिन कांग्रेस में शामिल नहीं हो पाए थे। इसके बाद वह आप की सरकार आने पर उसमें शामिल हो गए थे। अब एक तरफ जहां आप की सरकार माइनिंग को रोकने में लगी है, वहीं दूसरी तरफ आप में शामिल हुआ यह पार्षद ही अवैध खनन के केस में गिरफ्तार किया गया है।
हाल ही में आम आदमी पार्टी में शामिल हुए आजाद पार्षद दविंदर सिंह रौनी सतलुज दरिया माइनिंग के आरोप में गिरफ्तार किए गए हैं। सूत्रों की माने तो खनन विभाग के अधिकारियों को लोगों ने शिकायत की थी कि सरकार की खनन साइट से रेत लेकर जो भी गाड़ी निकलती है उसकी जबरदस्ती पर्ची काटी जा रही है। शिकायत में कहा गया था कि सरकार ने रेत का मूल्य 9 रुपए प्रति वर्ग फुट और साथ में जीएसटी निर्धारित कर रखा है, लेकिन जब वह गाड़ियों में रेत लेकर निकलती हैं तो उनसे 1700 से लेकर 1800 रुपए जबरन गुंडा टैक्स वसूला जा रहा है। इस शिकायत की बाद माइनिंग अधिकारी मौके पर पहुंचे तो उन्होंने इसलिए आरोप को सही पाया। उन्होंने बिलगा क्षेत्र में उनकी गाड़ी व ट्रैक्टर ट्रॉलियों को घेर लिया। वहाँ पर आप में शामिल हुए आज़ाद पार्षद रोनी से जब पूछा गया कि वह किस बात की इनसे 1800 रूपये ले रहे हैं तो उन्होंने वहाँ से मुँह छिपा निकलने में ही भलाई समझी। लेकिन इलाके की लोगो ने पुलिस बुलाकर पार्षद दविंदर रोनी व उनके दोनों साथीयों को गिरफ्तार करवा दिया।
पुलिस की तरफ से गिरफ्तार किए गए लोगों के नाम पार्षद दविंदर सिंह रोनी, अमनदीप सिंह व हरजीत सिंह बताए गए हैं। यह सभी पार्षद की गाड़ी में ही सवार थे पुलिस ने गाड़ी भी जब्त कर ली है। मौके से ट्रैक्टर ट्राली और टिप्पर भी मिले हैं, जो रेत से भरे हुए थे। पंजाब सरकार अभी तक तो अपनी ही पार्टी के मंत्री व अन्य नेताओं पर कानूनी कार्रवाई करने से गुरेज नहीं कर रही है।
इस मामले में अभी तक दविंदर रौनी व उसके साथियों को गिरफ्तार करके सरकार ने अपनी छवि को बेदाग रखा है। आगे भी आप की सरकार सख्त स्टैंड लेते हुए दविंदर सिंह रौनी को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाती है, यह देखने वाली बात होगी। अगर पार्टी ऐसा नहीं होता है तो इसका असर आने वाले चुनावों में पड़ सकता है।