ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले से सूतक काल हो गया है प्रभावी.. ग्रहण दौरान रखें कुछ बातो का ध्यान..
टाकिंग पंजाब
नई दिल्ली। इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आइसलैंड से शुरू हो गया है। भारत में ग्रहण शाम 4 बजकर 29 मिनट से शुरू होगा और शाम 6 बजकर 9 मिनट पर खत्म होगा। सूर्यग्रहण के बाद 8 नवंबर को चंद्रग्रहण पड़ रहा है। ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले से सूतक काल प्रभावी हो गया है। ग्रहण को भारत समेत दुनिया के कुछ हिस्सों में देखा जा सकता है। भारत में सूतक काल भोर में 4 बजे से शुरू हो गया है। ग्रहण की वजह से गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर की जगह 26 अक्टूबर और भैया दूज 26 अक्टूबर की जगह 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दीपोत्सव भी इस साल पांच दिन की जगह 6 दिन तक चलेगा। सूर्य ग्रहण का शरीर पर बुरा असर होता है।
ग्रहण को देखने से आंखों पर बुरा असर पड़ता है। कमजोरी आ जाती हैं। पाचन से जुड़ी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है। वहीं, गर्भवती महिला और उसके बच्चे पर भी इसका बुरा असर पड़ता है। सूर्य ग्रहण मुंबई में शाम 4 बजकर 49 मिनट से शाम 6 बजकर 9 मिनट तक, लुधियाना में शाम 4 बजकर 22 मिनट से शाम 5 बजकर 44 मिनट तक, रायपुर में शाम 4 बजकर 51 मिनट से 5 बजकर 31 मिनट तक, इंदौर में शाम 4 बजकर 42 मिनट से लेकर 5 बजकर 53 मिनट तक, और उदयपुर में शाम 4 बजकर 35 मिनट से 6 बजे तक रहेगा।
सूर्य ग्रहण चेन्नई में शाम 5 बजकर 14 मिनट से 5 बजकर 44 मिनट तक, लखनऊ में शाम 4 बजकर 36 मिनट से शाम 5 बजकर 29 मिनट तक, शिमला में शाम 4 बजकर 23 मिनट से शाम 5 बजकर 39 मिनट तक और कोलकाता में शाम 4 बजकर 52 मिनट से 5 बजकर तीन मिनट तक रहेगा। देहरादून में शाम 4 बजकर 26 मिनट से शाम 5 बजकर 36 मिनट तक, पटना में शाम 4 बजकर 42 मिनट से शाम 5 बजकर 23 मिनट तक, गांधीनगर में शाम 4 बजकर 37 मिनट से शाम 6 बजकर 5 मिनट तक और बेंगलुरु में शाम 5 बजकर 12 मिनट से शाम 5 बजकर 55 मिनट तक ग्रहण दिखाई देगा।
सूर्य ग्रहण दिल्ली में शाम 4 बजकर 29 मिनट से शाम 5 बजकर 42 मिनट तक, भोपाल में शाम 4 बजकर 49 मिनट से शाम 5 बजकर 46 मिनट तक, अमृतसर में शाम 4 बजकर 19 मिनट से शाम 5 बजकर 48 मिनट तक, जयपुर में शाम 4 बजकर 31 मिनट से शाम 5 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। सूर्य ग्रहण का प्रभाव चार ग्रहों बुध, गुरु, शुक्र और शनि पर नहीं पड़ेगा। ये अपनी ही राशि में रहेंगे। बुध कन्या राशि, गुरु मीन, शुक्र तुला और शनि मकर राशि में रहेंगे।
ग्रहण में पूजा पाठ और शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए। ग्रहण में तुलसी और अन्य पेड़-पौधों को छूना नहीं चाहिए। ग्रहण के दौरान यात्रा नहीं करना चाहिए व सूर्य ग्रहण के दौरान खाना नहीं चाहिए। ग्रहण दौरान भगवान का ध्यान करें… मंत्रों का जाप करें… खाने की चीजों में तुलसी के पत्ते रखें… गर्भवती महिलाएं मंत्रों का जाप करें…ग्रहण के बाद घर में गंगाजल का छिड़काव करें… ग्रहण के बाद स्नान करें… मंदिर या पूजा स्थल को गंगा जल से धोएं… दान करें..>