याचिककर्ता का आरोप.. हरियाणा सरकार ने अपने 2020 के नियमों के खिलाफ दी गुरमीत राम रहीम को पैरोल
याचिका में आरोप.. गुरमीत सिंह को पैरोल दिए जाने से हरियाणा व पंजाब में शांति भंग होने का खतरा
टाकिंग पंजाब
चंडीगढ़ । 25 अगस्त 2017 को साध्वी यौनशोषण मामले में दोषी करार दिए गए गुरमीत राम रहीम को 28 अगस्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इतना ही नहीं, इसके बाद तो उसे हत्या के 2 अलग-अलग मामलों में भी सजा सुनाई गई। काफी समय से जेल में अपनी सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम को अचानक पैरोल मिल जाती है।
यौनशोषण मामले में सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम को मिली पैरोल खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
उम्मीद है कि माननीय कोर्ट इस पर एक-दो दिन में सुनवाई कर सकता है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि हरियाणा सरकार ने अपने 2020 के नियमों के खिलाफ ही गुरमीत को पैरोल दी है। याचिका दायर करने वाले का मानना है कि गुरमीत सिंह को पैरोल दिए जाने से हरियाणा व पंजाब में शांति भंग होने का खतरा है।
यह कानून व्यवस्था के लिए यह एक बड़ी चुनौती है। जब से गुरमीत राम रहीम सिंह को पैरोल मिली है कई जगह पर डेरा समर्थकों के बीच झड़पें भी हुई हैं। अब इस मामले में माननीय हाईकोर्ट 1-2 दिन में सुनवाई कर सकती है। अगर माननीय अदालत को याचिका दायर करने वाले की बात से सहमत हुई तो गुरमीत राम रहीम की पैरोल रद्द भी हो सकती है।