शुगर मिलें न चलाए जाने के विरोध में किसानों ने शुगर मिलों के आगे लगाए धरने

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किसान नेताओं ने दी चेतावनी..अभी वह मिलों के आगे ही बैठे हैं, मिलें न चली तो उन्हें सड़कों पर पहुंचने में नहीं लगेगी देर 

टाकिंग पंजाब

जालंधर। पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने किसान जत्थेबंदियों के नेताओं के साथ वादा किया था कि पहली नवंबर से शुगर मिलें चला दी जाएंगी व 15 नवंबर तक पंजाब की सभी मिलें चल जाऐंगी। अब आज 17 नवंबर हो जाने के बाद भी शुगर मिले अभी तक चल नहीं पाई हैं। पंजाब में शुगर मिलें न चलाए जाने के विरोध में किसानों ने मिलों के आगे धरने देने भी शुरू कर दिए हैं। भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर के प्रधान कुलविंदर सिंह ने कहा कि सरकार उन्हें मजबूर कर रही है कि वह सड़कों पर उतर कर अपना धरना लगाएं।    उन्होंने कहा कि अभी तक तो वह सिर्फ मिलों के आगे ही बैठे हैं यदि जल्द मिलें न चली तो उन्हें सड़कों पर पहुंचने के लिए भी देरी नहीं लगेगी। किसानों का कहना है कि पंजाब में गन्ने की फसल खेतों में पूरी तरह से तैयार हो गई है व शुगर मिलें अभी तक चालू नहीं हो पाई हैं। किसानों का कहना है कि उन्होंने गन्ने की फसल खेतों से काटकर व उसे मिलों में पहुंचाने से बाद गेहूं की बिजाई का टारगेट रखा था, लेकिन सरकार की गलत नीतियों व ढुलमुल रवैये के कारण उनकी गेहूं की बिजाई भी लेट हो गई है।     किसान यूनियन के प्रधान कुलविंदर सिंह ने बताया कि दोआबा में प्रथम चरण में मुकेरियां शुगर मिल व माझा में अमृतसर की शुगर मिल के सामने किसानों ने अपना विरोध जाहिर करने के लिए धरना प्रदर्शन शुरू किया है। उन्होंने कहा कि यदि मिलें चलाने का निर्णय शीघ्र न हुआ तो अन्य मिलों के साथ-साथ किसान सड़कों पर भी उतर सकते हैं। अगर किसान इस मुद्दे को लेकर सड़को पर उतरते हैं तो एक बार फिर से सरकार व जनता की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 

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