एसजीपीसी ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के संदेश पर अमल करके लोगों को किया नशे खिलाफ एकजुट होने का अह्वान
टाकिंग पंजाब
अमृतसर। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) पंजाब में बढ़ रहे नशे के इस्तेमाल पर सख्त नजर आ रही है। एसजीपीसी का साफ तौर पर कहना है कि पंजाब में नशे का बोलबाला है व लोगों को ही इस नशे के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए लामबंद होना पड़ेगा। इतना ही नहीं, एसजीपीसी ने पिछले महीने जनरल अजलास में पास हुए मते की कॉपी को ट्विटर पर पोस्ट करते हुए गांव स्तर पर जत्थे स्थापित कर नशे का व्यापार करने वालों का विरोध करने के लिए एकजुट होने की बात कही है। पिछले दिनी भी श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कौम के नाम संदेश देते हुए पंजाब में नशे के इस्तेमाल व इसके व्यापार के ढांचे को खत्म करने के लिए सरकारों की असफलता पर सवालिया निशान लगाया था। उस समय भी उन्होेने नशे के कारोबार को खत्म करने के लिए गांव-गांव कमेटियां व जत्थे बनाने के लिए कहा था। उन्होंने पंजाब में बढ़ रहे नशे के इस्तेमाल व नशे के कारोबार पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि लोग एकजुट होकर ड्रग बेचने वालों का विरोध करें, गांव में कमेटियां बनाएं। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा था कि बीते वर्ष में पंजाब सरकार को शराब से 5578 करोड़ रुपए का फायदा हुआ था। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर सरकार की देख-रेख में शराब का इतना अधिक व्यापार किया गया है तो नाजायज शराब का व्यापार कितना होगा ? उन्होंने कहा कि सरकार के आंकड़ों के तहत अप्रैल 2017 से जनवरी 2022 तक 51461 केस एनडीपीएस के तहत दर्ज किए गए हैं व इन केसों में 67081 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा 2415 किलो स्मैक-हेरोइन बरामद की गई है। उन्होंने कहा कि पंजाब की धरती पर यह आंकड़े बेहद चिंता का विषय हैं।एसजीपीसी ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह के संदेश पर अमल करके लोगों को नशे के खिलाफ एकजुट होने की बात कही है। उन्होंने लोगों को गांव स्तर पर काम करने के लिए कहा है, ताकि नशे करने वाले युवाओं को नशे की दलदल से निकाल कर मुख्य धारा से जोड़ने के प्रयास किए जाएं। एसजीपीसी के इस संदेश के बाद से पंजाब के कईं गावों में इस पर अमल करने की तैयारियां की जा रही हैं।