मनीष सिसोदिया को झटका.. सुप्रीम कोर्ट का आबकारी घोटाला केस में दखल देने से इंकार

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सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा.. आपको हाईकोर्ट जाना चाहिए था, सीधे सुप्रीम कोर्ट से जमानत क्यों मांग रहे हैं ?
टाकिंग पंजाब
नईं दिल्ली। आबकारी घोटाला केस में दिल्ली डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने आबकारी घोटाला केस में दखल देने से इंकार कर दिया है। इस केस में सिसोदिया 5 दिन की सीबीआई रिमांड पर हैं। उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।  मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने इस मामले में सुनवाई की। सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आपको हाईकोर्ट जाना चाहिए था, सीधे सुप्रीम कोर्ट से जमानत क्यों मांग रहे हैं ?
  माननीय कोर्ट ने सिसोदिया को जमानत के लिए पहले दिल्ली हाईकोर्ट जाने की सलाह दी है। सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सीधे सुप्रीम कोर्ट से जमानत क्यों मांग रहे हैं। आप अनुच्छेद 32 के तहत यहां क्यों आए। यह अच्छी व स्वस्थ परंपरा नहीं है। सीजेआई डी.वाई चंद्रचूड़ ने मनीष सिसोदिया के वकील से कहा कि घटना दिल्ली में हुई, इसका मतलब यह नहीं है कि आप सुप्रीम कोर्ट आ जाएं। मनीष सिसोदिया मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर आम आदमी पार्टी ने कहा कि हम अदालत का सम्मान करते हैं व हम हाईकोर्ट जाएंगे। सीजेआई ने कहा कि आपने अर्णब गोस्वामी व विनोद दुआ केस का हवाला दिया, पर वह इससे बिल्कुल अलग थे।
    आपको निचली अदालत से जमानत लेनी चाहिए। एफआईआर रद्द करवाने के लिए हाईकोर्ट जाना चाहिए। सिसोदिया की ओर से पेश वकील सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ट्रायल कोर्ट को जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई के आदेश दे, हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा आदेश देने से भी इंकार कर दिया। मनीष सिसोदिया की ओर से पेश हुए सीनियर वकील एएम सिंघवी ने कहा ‘मुझे सिर्फ 3 मिनट बोलने दीजिए। मुझे (सिसोदिया को) सिर्फ 2 बार पूछताछ के लिए बुलाया गया। गिरफ्तारी से पहले अरणेश कुमार मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन नहीं हुआ।  न मुझ पर सबूत से छेड़छाड़ का आरोप है, न मेरे भागने का अंदेशा था।
“हाई कोर्ट में जाएं, हम नहीं सुनेंगे”

  इस पर सीजेआई ने कहा कि यह बातें सही हो सकती हैं, लेकिन सीधे सुप्रीम कोर्ट इसे नहीं सुन सकता। जस्टिस नरसिम्हा ने कहा कि मामला दिल्ली का है, इसका मतलब यह नहीं कि आप सीधे सुप्रीम कोर्ट आ जाएं। सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट मौलिक अधिकारों का संरक्षक है। सीजेआई ने पूछा कि केस किस धारा में है। सिंघवी ने बताया कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 7 का है। सीजेआई ने कहा कि आप जो भी कह रहे हैं, वह हाई कोर्ट को कहिए… हम नहीं सुनेंगे। हाईकोर्ट के जज व्यस्त हैं- सिंघवी
सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि रोस्टर के हिसाब से हाईकोर्ट में जिस जज के पास मामला जाना है, वह एक ट्रिब्यूनल का भी काम देख रहे हैं, वह व्यस्त हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसकी चिंता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस करेंगे, उन्हें बताइए। सिंघवी ने कहा कि गिरफ्तारी गलत थी। इस पर सीजेआई ने कहा कि हम यहीं हैं, लेकिन पहले आप हाईकोर्ट जाइए। हम अभी मामले को नहीं सुन सकते। याचिकाकर्ता वैकल्पिक कानूनी उपाय आजमाए।

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