एनएचआई ने किया था कोर्ट का रूख.. किसानों ने कहा, एनएचआई खुद कोर्ट नही जा सकती, यह केंद्र की साजिश
टाकिंग पंजाब
अमृतसर। किसान अपनी मांगों को लेकर राज्य सरकार से खफा हैं, जिसका गुस्सा किसान बीते 15 दिसंबर से पंजाब के 13 टोल प्लाजा को पूरी तरह से बंद रख कर निकाल रहे है। किसानों ने टोल प्लाजा को 15 जनवरी तक बंद करने का फैसला लिया था व किसान 16 जनवरी से टोल खोल देने का आश्वासन दे चुके हैं, लेकिन उससे पहले ही एनएचआई यानि कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने हाईकोर्ट का रुख कर लिया था। इसके बाद पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर टोल प्लाजा दोबारा शुरू करने के आदेश दिए हैं।
हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव व डीजीपी को निर्देश देते हुए इसकी स्टेटस रिपोर्ट भी मांग ली है। किसान इससे काफी खफा दिखाई दे रहे हैं व उन्होंने देश में टोल बंद करने की चेतावनी दे दी है। किसान जत्थेबंदियों ने एनएचआई के कोर्ट जाने को केंद्र सरकार की साजिश बताया है। किसान जत्थेबंदियों का कहना है कि एनएचआई खुद कोर्ट नहीं जा सकती, ऐसा केंद्र के इशारे पर हुआ है।
केंद्र हमेशा ही बड़े घरानों का साथ देता आया है। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि कार खरीदते हुए 2-2 लाख रुपए रोड टैक्स वसूला जाता है तो ऐसे में टोल प्लाजा बनाने ही गलत है। देश में टोल प्लाजे नहीं होने चाहिए। किसानों का कहना है कि अगर टोल प्लाजा सरकार को सही लगता है तो सरकार को रोड टैक्स खत्म कर देना चाहिए व सभी टोल प्लाजे सरकार अपने अधीन कर ले।