सीबीआई ने एलजी से मांगी दिल्ली डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, सुकेश कुमार जैन व अन्य पर केस दर्ज करने की इजाजत
टाकिंग पंजाब
नईं दिल्ली। आप की केजरीवाल सरकार ने 2015 में विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने के बाद एक फीडबैक यूनिट बनाया था। इस यूनिट का काम विभागों, संस्थानों, स्वतंत्र संस्थानों की निगरानी करके उनके कामकाज का फीडबैक देना था, ताकि इस फीडबैक के आधार पर जरूरी सुधारों का एक्शन लिया जा सके। लेकिन इस यूनिट के जरिए दिल्ली की केजरवाल सरकार पर भाजपा के नेताओं की जासूसी के आरोप लगे हैं। इस मामले की जांच सीबीआई ने की थी व जांच में इन आरोपों को सही पाया है।
सूत्रों के मुताबिक सीबीआई ने उप-राज्यपाल वीके सक्सेना से आगे जांच करने की इजाजत भी मांगी है। उप-राज्यपाल ने यह मामला अब राष्ट्रपति के पास जांच के लिए भेज दिया है। इस सारे प्रकरण के बाद दिल्ली की केजरीवाल सरकार मुश्किलों में घिर सकती है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2015 में आम आदमी सरकार ने नेताओं व अफसरों की जासूसी कराई थी।
सीबीआई ने उप-राज्यपाल वीके सक्सेना से दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया व 2016 में विजिलेंस डायरेक्टर रहे सुकेश कुमार जैन व कई अन्य पर केस दर्ज करने की इजाजत मांगी है। इस मामले में 2016 में विजिलेंस डिपार्टमेंट में काम कर रहे एक अफसर की शिकायत पर सीबीआई ने जांच शुरू की थी व 12 जनवरी 2023 को सीबीआई ने विजिलेंस डिपार्टमेंट में रिपोर्ट दाखिल कर दी।
सीबीआई जांच में सामने आया है कि फीडबैक यूनिट को जो कामकाज सौंपा गया था, उसका फीडबैक देने के अलावा राजनीतिक खुफिया जानकारी जुटाने में लग गई थी। जांच में पता लगा है कि इस यूनिट ने अब तक 700 केसों की जांच की। इनमें 60 प्रतिशत राजनीतिक या फिर ऐसे थे, जिनका निगरानी से कोई लेनादेना नहीं है। सूत्रों के मुताबिक उप-राज्यपाल वीके सक्सेना ने इस मामले को राष्ट्रपति के पास भेज दिया है।