मोदी कसा विपक्ष पर तंज.. कहा, कमल खिलाने में प्रत्यक्ष या परोक्ष आपका जो भी योगदान है, उसके लिए उनका भी आभार..
टाकिंग पंजाब
नईं दिल्ली। कीचड़ उसके पास था, मेरे पास गुलाल। जो भी जिसके पास था, उसने दिया उछाल। जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही ज्यादा खिलेगा। यह शब्द प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विपक्ष पर तंज कसते हुए राज्यसभा में कहे। मोदी ने कहा कि कमल खिलाने में प्रत्यक्ष या परोक्ष आपका जो भी योगदान है, इसके लिए मैं उनका भी आभार व्यक्त करता हूं। हालांकि प्रधानमंत्री के भाषण शुरू होने से पहले ही विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया। हंगामा होता देख प्रधानमंत्री ने कहा कि सदन में जो भी बात होती है, उसे देश गंभीरता से सुनता है व गंभीरता से लेता है। कल विपक्ष के खड़गे जी ने कहा कि 60 साल में उन्होंने मजबूत बुनियाद बनाई। उनकी शिकायत थी कि बुनियाद हमने बनाई और क्रेडिट मोदी ले रहा है।इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि जब मैं 2014 में देश का प्रधानमंत्री बना तो देखा कि 60 साल से कांग्रेस के परिवार ने गड्ढे ही गड्ढे कर दिए थे। पहले परियोजनाएं लटकाना, भटकाना कल्चर था। हमने टेक्नोलॉजी का प्लेटफॉर्म तैयार किया व इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को गति दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी कार्यक्रम में अगर नेहरू जी के नाम का उल्लेख नहीं हुआ तो कुछ लोगों के बाल खड़े हो जाते थे। लहू गर्म हो जाता था। मुझे ये समझ नहीं आता कि उनकी पीढ़ी का कोई व्यक्ति नेहरू सरनेम रखने से डरता क्यों है। क्या शर्मिंदगी है नेहरू सरनेम रखने में। इतना बड़ा महान व्यक्ति आपको और आपके परिवार को मंजूर नहीं है और आप हमारा हिसाब मांगते हो। प्रधानमंत्री ने कहा, हमने सीधे जनधन खाते में पैसे भेजे। हम नया इको सिस्टम लाए। जिन लोगों को पुराने इको सिस्टम के फायदे मिलते थे, उनका चिल्लाना स्वाभाविक है। हमने टेक्नोलॉजी का प्लेटफॉर्म तैयार किया और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को गति दे रहे हैं। पहले योजनाएं बनाने में महीनों लगते थे, आज सप्ताह भर में योजनाएं आगे बढ़ा दी जाती हैं। जहां इनका वोट बैंक नहीं थे तो इन्होंने बिजली तक पहुंचाने पर ध्यान नहीं दिया। हमने 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचाई। पहले गांव में एक खंबा गाड़ देते थे तो हर साल उसकी एनिवर्सिरी बनाते थे। हम आज 22 घंटे बिजली देने में सफल हुए हैं। कांग्रेस को बार-बार देश नकार रहा है, लेकिन वो अपनी साजिशों से बाज नहीं आ रहे हैं। जनता ये देख रही है