विद्यार्थियों को मिला कनाडियन बार्डर सिक्योरिटी एजेंसी का नाेटिस.. रातों की नींद हुई गायब..
टाकिंग पंजाब
जालंधर। विदेश जाने की चाह में कभी कभी ऐसी गलती हो जाती है, जिससे जिंदगी भर की कमाई व खुशियाँ दोनों ही दाव पर लग जाती है। ऐसे ही एक मामला एक ट्रैवल एजेंट का सामने आया है, जिसके कारण आज 700 विद्यार्थियों का भविष्य दाव पर लग गया है। यह विद्यार्थी खुद की ठगा हुआ महसूस कर रहे है जबकि इनको विदेश भेजने वाला ट्रैवल एजेंट फरार बताया जा रहा है। हालात ऐसे बन गए है कि ट्रैवल एजेंट पर भरोसा करके व 18 से 20 लाख रुपए खर्च करके कनाडा गए इन विद्यार्थियों को कनाडा सरकार डिपोर्ट करने वाली है। यहाँ तक की इन विद्यार्थियों को नोटिस भी जारी कर दिया गया है। जिस ट्रैवल एजेंट की कारण विद्यार्थियों की यह हालात बने है, वह एजेंट जालंधर में एजुकेशन माइग्रेशन सर्विसेज नाम से अपनी दुकान चलाता है। बताया जा रहा है कि इसका मालिक बृजेश मिश्रा है, जो कि इस घटना की बाद से दफ्तर अब बंद गायब हो चुका है। विद्यार्थियों को कनाडियन बार्डर सिक्योरिटी एजेंसी का नाेटिस मिलने की बाद इन विद्यार्थियों व उनके माता पिता की सांसे अटक गई है। लाखों रूपये खर्चा कर विदेश में अपना भविष्य खोजने गए इन विद्यार्थियों को अब या तो वापस आना होगा या फिर वहां की अदालत के चककर लगाने होंगे। अगर विद्यार्थी अदालत का दरवाजा खटखटाते है तो अमूमन ऐसे केसों को 3 से 4 साल लग जाते हैं। बताया जाता है कि इन विद्यार्थियों ने हंबर कालेज में एडमिशन ली थी और वह फ्लाइट पकड़ कर जब कनाडा पहुंचे तो तभी उनके एजेंट बृजेश का फोन आ गया कि जिस कॉलेज में उन्होंने पढ़ना था, उस कालेज की सभी सीटें भर गई हैं। इसलिए या तो 6 माह इंतजार करें या अन्य कालेज में एडमिशन लें। अब मरता क्या ना करता.. तो इसके बाद स्टूडेंट्स ने एक अन्य कालेज में 2 साल के कोर्स में एडमिशन ले ली, हालांकि एजेंट बृजेश मिश्रा ने कालेज फीस भी लाैटा दी, लेकिन समस्या तब आई ज़ब स्टूडेंट्स ने शिक्षा पूरी करके पीआर के लिए आवेदन किया। पीआर के वक्त दस्तावेजों की जांच की गई तो यह बात सामने आई कि इनको मिले आफर लैटर सही नहीं थे। अब इस सारे घटनाक्रम की बाद विधार्थियो की जान आफत में आप गईं है।