सीएम मान ने ट्वीट कर लिखा, मुझे अपने लोगों की मदद करने दीजिए, बस आकर आपके साथ राजनीति की बात करूंगा…
टाकिंग पंजाब
चंडीगढ़। देश में बने हुए बाढ़ के हालातों के बीच केंद्र सरकार द्वारा 22 राज्य सरकारों को 7,532 करोड़ रुपए देने की घोषणा की गई थी, जिसके चलते केंद्र सरकार द्वारा पंजाब को 218.40 करोड़ रुपए का राहत पैकेज दिया जाना है। परंतु अब इस बात को लेकर विपक्ष ने पंजाब की मान सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। कुछ ही दिन पहले नियुक्त किए गए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने केंद्र सरकार द्वारा पंजाब को जारी किए गए राहत पैकेज को लेकर मान सरकार पर निशाना साधते हुए राज्य सरकार से खर्च किए पैसों का हिसाब की मांग की है।
इसको लेकर सुनील जाखड़ ने कहा कि केंद्र ने पंजाब सरकार को पैसा दिया था, लेकिन उसका सही प्रयोग नहीं किया गया। राज्य सरकार ने अगर नहरों की सफाई व मरम्मत सही ढंग से करवाई होती तो यह हालात ना होते। इतना ही नहीं, जाखड़ ने पंजाब सरकार के राहत कार्यों पर भी कई सवाल खड़े किए हैं। उन्होनें आगे कहा कि राज्य सरकार संकटग्रस्त लोगों तक पहुंचने में ओर अधिक समय बर्बाद न करे। वह बाढ़ प्रभावित लोगों की सहायता के लिए केंद्र द्वारा दी गई धनराशि तुरंत वितरित करें। बाढ़ प्रभावित सभी को तत्काल ठोस राहत देना राज्य की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
वहीं, सुनील जाखड़ के हिसाब मांगने के सवाल पर करारा जवाब देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि केंद्र की तरफ से इसकी किश्त 10 जुलाई को जारी की गई थी व जाखड़ 12 जुलाई को इसका हिसाब मांग रहे है। तिना ही नहीं, सीएम मान ने कांग्रेस, बीजेपी और अकाली दल की तरफ से पंजाब सरकार पर सवाल उठाए जाने को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा कि सुनील जाखड़, भाजपा इकाई के अध्यक्ष, राजा वड़िंग, बची खुची कांग्रेस के अध्यक्ष, सुखबीर बादल, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष, मुझे अपने लोगों की मदद करने दीजिए। बस आकर आपके साथ राजनीति पर बात करूंगा।
सीएम मान ने विपक्ष पर राजनीति करने को लेकर कहा कि हैरानी की बात है कि जब वह बाढ़ से प्रभावित पंजाबियों का साथ दे रहे हैं तो विरोधी पक्ष इस संवेदनशील मौके पर राजनीति कर रहे हैं। यह बहुत शर्मनाक बात है कि विरोधी नेता इतने निचले स्तर पर गिर चुके हैं कि संकट की इस घड़ी में दुष्प्रचार करने से बाज नहीं आ रहे। उन्होनें आगे कहा कि राज्य के लोगों की सुरक्षा को यकीनी बना लेने के बाद वह निकम्मे और नाकारा हुए राजनैतिक विरोधियों को उपयुक्त जवाब देंगे। बता दें कि बाढ़ के हालातों से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने 22 राज्य सरकारों को 7,532 करोड़ रुपए देने की घोषणा की है व भारी बारिश के मद्देनजर पिछले वित्तीय वर्ष में राज्यों को प्रदान की गई राशि के उपयोगिता प्रमाण पत्र की प्रतीक्षा किए बिना राज्यों को तत्काल सहायता के रूप में राशि जारी की गई है। वित्त आयोग की सिफारिश के मुताबिक यह राशि दो समान किश्तों में जारी किया जाएगी।