✍🏻️ विजिलेंस ब्यूरो के हाथ लगी डायरी ने खोल दी धर्मसोत के भ्रष्टाचार की कहानी

पॉलिटिक्स

✍🏻️ डायरी में है 2017 से लेकर 2022 तक का लेन-देन दर्ज, पेड़ की कटाई में मिलता था 500 रुपए का हिस्सा

✍🏻️ मोहाली कोर्ट ने पूर्व वन मंत्री को भेजा 3 दिन की पुलिस हिरासत में…

💢 टॉकिंग पंजाब 💢

चंडीगड़। पिछली कांग्रेस सरकार में जंगलात मंत्री रहे साधु सिंह धर्मसोत की मुश्किलें बढती नजर आ रही हैं। रिश्वत के आरोप में घिरे पूर्व मंत्री को अदालत ने 3 दिन के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। इसके अलावा पंजाब विजिलेंस ब्यूरो के हाथ एक डायरी लगी है, जिसमें 2017 से लेकर 2022 तक का लेन-देन दर्ज है।

यह डायरी एक ठेकेदार से बरामद हुई है। इस डायरी के आधार पर विजिलेंस ब्यूरो ने दावा किया कि मंत्री हर पेड़ की कटाई में 500 रुपए का हिस्सा लेते थे। यह कटाई लीगल परमिट से होती थी व मंत्री के खास लोग पेड़ कटाई वाले ठेकेदार से ही डीलिंग करते थे। इतना ही नहीं, इसमें अफसरों का भी हिस्सा तय होता था।

✴️ आरोप तो यह भी हैं कि डीएफओ की पोस्टिंग के लिए 10 से 20 लाख रुपए में डील होती थी। हालांकि, धर्मसोत के परिवार ने इसे झूठा करार दिया है। उनका कहना है कि सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड से घिरी सरकार ध्यान डायवर्ट करने की कोशिश कर रही है।

✴️ अखबारी सूत्रों की माने तो इस मामले में पेड़ काटने व लगाने वाले 15 कॉन्ट्रैक्टर्स विजिलेंस ब्यूरो की जांच के दायरे में हैं। अभी तक की जांच में पता चला कि एक पेड़ काटने के लिए मंत्री को 500 रुपए, डीएफओ को 200 रुपए, रेंज अफसर, ब्लॉक अफसर व फॉरेस्ट गार्ड को 100-100 रुपए दिए जाते थे। इस तरह एक पेड़ के पीछे एक हजार रुपए का भ्रष्टाचार होता था। एक अख़बार को विजिलेंस ब्यूरो के डायरेक्टर एडीजीपी वरिंदर कुमार शर्मा ने बताया का है कि पेड़ की कटाई का 500 रुपया लिया जाता था। करीब सवा करोड़ की रिश्वत दी जा चुकी है। इसके अलावा ट्रांसफर -पोस्टिंग, एनओसी, ट्री गार्ड व फेंसिंग में भी रिश्वत ली जाती थी।

✴️ विजिलेंस ब्यूरो के डायरेक्टर वरिंदर कुमार ने कहा कि धर्मसोत व उसके दो साथियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। फिर उससे पूछताछ के बाद आगे की जांच की जाएगी। इसके अलावा ठेकेदारों और पहले पकड़े गए डीएफओ से पूछताछ में कई अहम बातें सामने आई हैं। धर्मसोत के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया है।

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