आम आदमी को लगा एक और झटका, आरबीआई ने किया रेपो रेट में 0.50% इजाफा
रेपो रेट 4.40% से बढ़कर हुई 4.90%, RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी जानकारी
नई दिल्ली। पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी पर एक और महंगाई का बम फूटा है। आरबीआई यानि कि भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.50 प्रतिशत इजाफा किया है, जिससे रेपो रेट 4.40 प्रतिशत से बढ़कर 4.90 प्रतिशत हो गया है। इसके चलते अब आम आदमी को होम लोन से लेकर ऑटो, पर्सनल लोन सब कुछ की ज्यादा ईएमई चुकानी होगी। आर बी आई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ब्याज दरों पर लिए फैसलों की जानकारी दी।
यहाँ समझिये रेपो रेट बढ़ने का गणित
मान लीजिए राजन नाम के एक व्यक्ति ने 6.5% के रेट पर 20 साल के लिए 10 लाख रुपए का हाउस लोन लिया है। उसकी लोन की EMI 7,456 रुपए है। 20 साल में उसे इस दर से 7,89,376 रुपए का ब्याज देना होगा। यानी, उसे 10 लाख के बदले कुल 17,89,376 रुपए चुकाने होंगे। राजन के लोन लेने के एक महीने बाद आरबी रेपो रेट में 0.50% का इजाफा कर देता है। इस कारण बैंक भी 0.50% ब्याज दर बढ़ा देते हैं। अब जब राजन का एक दोस्त उसी बैंक में लोन लेने के लिए पहुंचता है तो बैंक उसे 6.5% की जगह 7% रेट ऑफ इंटरेस्ट ऑफर करता है।राजन का दोस्त भी 10 लाख रुपए का ही लोन 20 सालों के लिए लेता है, लेकिन उसकी ई एम ई 7753 रुपए की बनती है। यानी सुदर्शन की ई एम ई से 297 रुपए ज्यादा। इस वजह से राजन के दोस्त को 20 सालों में कुल 18,60,717 रुपए चुकाने होंगे। ये आशीष की रकम से 71 हजार ज्यादा है.
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए GD अनुमान
GDP (अभी का अनुमान) | GDP (पिछला अनुमान) | |
2022-23 | 7.2% | 7.2% |
अप्रैल-जून तिमाही | 16.2% | 16.2% |
जुलाई-सितंबर तिमाही | 6.2% | 6.2% |
अक्टूबर-दिसंबर तिमाही | 4.1% | 4.1% |
जनवरी-मार्च तिमाही | 4% | 4% |
पहले से ही था दरें बढ़ने का अनुमान
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बीते दिनों एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था, ‘RBI कम से कम अगली कुछ बैठकों में दरें बढ़ाना चाहेगा। मैंने खुद अपन मिनट्स में कहा है कि मई में ऑफ-साइकिल मीटिंग के कारणों में से एक यह था कि हम जून में ज्यादा स्ट्रॉन्ग एक्शन नहीं चाहते थे।’ उन्होंने ये कहा था, ‘रेपो रेट्स में कुछ बढ़ोतरी होगी, लेकिन कितनी होगी अभी मैं ये नहीं बता पाऊंगा…’
CRR में भी 0.50% की बढ़ोतरी की थी
मई में हुई मीटिंग में RBI ने कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में भी 0.50% की बढ़ोतरी की थी। इसे बढ़ाकर 4.5% कर दिया गया था। CRR वह राशि होती है जो बैंकों को हर समय RBI के पास रखनी होती है। यदि सेंट्रल बैंक CRR बढ़ाने का फैसला करता है, तो बैंकों के पास डिसबर्सल के लिए उपलब्ध राशि कम हो जाती है। CRR का इस्तेमाल सिस्टम से लिक्विडिटी कम करने के लिए किया जाता है।