वह तब तक मंत्रियों के मंत्रिमंडल की बैठक में भाग लेने के हकदार नहीं जब तक फैसले पर रोक नहीं लगती- एडवोकेट एसचसी अरोड़ा
टाकिंग पंजाब
चंडीगढ़। पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। संगरूर जिले की सुनाम कोर्ट ने बीते 21 दिसंबर को अमन अरोड़ा, उनकी माता परमेश्वरी देवी व कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष व संगरूर जिला योजना बोर्ड के पूर्व चेयरमैन राजिंदर सिंह राजा को मारपीट से जुड़े 15 साल पुराने मामले में दो साल की सजा सुनाई थी। इसी मामले को लेकर शिरोमणि अकाली दल ने अमन अरोड़ा की सदस्यता खत्म करने के लिए विधानसभा स्पीकर को पत्र लिखा था। अब पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट एसचसी अरोड़ा ने पंजाब सरकार को अमन अरोड़ा की सदस्यता खत्म करने के लिए नोटिस भेजा है। भेजे गए नोटिस में उन्होनें लिखा कि अदालत ने अमन अरोड़ा को आईपीसी की धारा 452 के तहत दो साल का कारावास व323, 148, 149 के तहत एक एक साल की कैद की सजा सुनाई है। वहीं, फैसले पर अभी स्टे भी नहीं लगी है। ऐसे में लिली थॉमस केस के फैसले के मुताबिक कार्रवाई होनी चाहिए। नोटिस मेें आगे लिखा कि फैसले के मुताबिक मंत्री अमन अरोड़ा ने अपनी विधानसभा सदस्यता स्वचालित रूप में खो दी है। वह तब तक मंत्रियों के मंत्रिमंडल की बैठक में भाग लेने के हकदार नहीं हैं, जब तक की अपील में उस फैसले पर रोक नहीं लगा दी जाती है। वह कैबिनेट मंत्री की पावर का प्रयोग करने के अधिकारी नहीं हैं। ऐसे में आप सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक कार्य करें वरना आप आदेशों की अवमानना के दोषी होंगे। इतना ही नहीं, एडवोकेट एसचसी अरोड़ा ने इस मामले में जनहित याचिका दायर करने की बात भी कही।