इस प्रकार की वर्कशाप के माध्यम से युवा पीढ़ी को पुरातन खान-पान की जानकारी दी जाती है- प्राचार्या प्रो. डॉ. अजय सरीन
टाकिंग पंजाब
जालंधर। हंसराज महिला महाविद्यालय की उन्नत भारत टीम ने ‘आहार क्रांति उत्तम आहार – उत्तम विचार वर्कशाप में भाग लिया। यह वर्कशाप एनआईटीटीटीआर, चंडीगढ़ के उन्नत भारत सैल द्वारा आयोजित की गई थी। ग्रामीण विकास विभाग के हैड प्रो. यू.एन. रॉय ने कहा कि इस वर्कशाप का उद्देश्य पारम्परिक भोजन के बारे में जागरूकता फैलाना तथा मिलेट्स की पोषक महत्ता के बारे में बताना था। इस दौरान आनंद एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, गुजरात से डॉ. विशिता खन्ना ने पारम्परिक भोजन के व्यापार व स्टार्टअप के बारे में बात की। उन्होंने कुछ स्टार्ट अप की भी चर्चा की जिसमें स्वाति स्नैक, गो देसी, दादी जीरा खाखरा शामिल थे। चौधरी चरन सिंह यूनिवर्सिटी हिसार से डॉ. पम्मी कुमारी ने मिलेट्स की खेती की बात की। उन्होंने बताया कि पुरातन समय से ही मिलेट्स की खेती प्रचलित है तथा स्वास्थ्य को इनका लाभ भी होता है। सीसीएस हिसार के फूड एंड न्यूट्रीशन विभाग से डॉ. आशा कवात्रा ने कहा कि हमारे स्वास्थ्य के लिए मिलेट्स बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वर्कशाप के दौरान कालेज की छात्राओं ने मिलेट्स से संबंधित प्रश्न भी पूछे। प्राचार्या प्रो. डॉ. अजय सरीन ने कहा कि आज के समय में इस प्रकार की वर्कशाप बहुत आवश्यक है जिसके माध्यम से युवा पीढ़ी को पुरातन खान-पान की जानकारी दी जाती है। इस वर्कशाप में एचएमवी की यूबीए टीम के सदस्य शामिल थे जिनमें डॉ. अंजना भाटिया, डॉ. उर्वशी, डॉ. मीनाक्षी दुग्गल मेहता, अल्का व 51 छात्राएं उपस्थित थी।