ज्ञान अर्जित करने की कोई आयु नहीं होती इसलिए हमें सीखना कभी नहीं छोडऩा चाहिए- प्रिंसिपल प्रो. डॉ. अजय सरीन
टाकिंग पंजाब
जालंधर। हंस राज महिला महाविद्यालय, जालंधर में प्रिंसिपल प्रो. डॉ. अजय सरीन के योग्यात्मक दिशा-निर्देशन अधीन बायोटैक्नालोजी विभाग भारत सरकार की डीबीटी स्टार स्कीम के तत्वावधान में गुरु सिद्धता सात दिवसीय (24-30 जून) फैकल्टी डेवलेपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ ज्ञान ज्योति प्रज्ज्वलित कर डीएवी गान से किया गया। इस कार्यक्रम में जस्टिस (रिटा.) एनके सूद, उप प्रधान डीएवी कॉलेज प्रबंधकारी समिति, नई दिल्ली व चेयरमैन लोकल कमेटी, डॉ. सतीश आहूजा, प्रिंसिपल डायरेक्टर डीएवी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, फरीदाबाद विशेष मेहमान व डॉ. अनीश दुआ, डीन स्टूडेंट डिवेल्पमेंट, जुलॉजी विभाग, गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर मुख्य मेहमान रहे।
प्रिंसिपल प्रो. डॉ. अजय सरीन ने आए हुए मेहमानों का प्लांटर भेंट कर स्वागत किया। उन्होनें एफडीपी के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि ज्ञान अर्जित करने की कोई आयु नहीं होती। इसलिए हमें सीखना कभी नहीं छोडऩा चाहिए। सीखने के लिए विनीत होना जरूरी है। हमें सदैव ही अपनी कमियों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए व अपने व्यक्तित्व को निखारना चाहिए। डॉ. सतीश आहूजा ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि हमारे भीतर सीखने की लगन हमेशा बनी रहनी चाहिए। उन्होंने संस्था को इस कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए शुभकामनाएं दी। जस्टिस (रिटा.) एनके सूद ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि एक अध्यापक ही डाक्टर, राजनेता, आईपीएस अफसर बनाता है। समाज में सबसे महत्त्वपूर्ण स्थान अध्यापक का ही है इसलिए अध्यापक को अपना दायित्व अच्छे से निभाना चाहिए।
फिजिक्स विभागाध्यक्षा सलोनी शर्मा ने सभी मेहमानों का धन्यवाद किया। इस कार्यक्रम का आयोजन कोआर्डिनेटर डॉ. अंजना भाटिया, डीन इनोवेशन एंड रिसर्च, कनवीनर सलोनी शर्मा, अध्यक्ष फिजिक्स विभाग, डॉ. हरप्रीत सिंह, अध्यक्ष बायोइन्फारमेटिक्स विभाग, डॉ. नीलम शर्मा, कैमिस्टरी विभागाध्यक्षा, ड़ॉ. सीमा मरवाहा, डीन एकेडेमिक, अनिल भसीन, डॉ. जतिंदर कुमार, गगनदीप, डॉ. राखी मेहता व आशीष चड्ढा द्वारा किया गया। इस अवसर पर सभी फैकल्टी सदस्य भी मौजूद रहे।