हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर कब्जे गिराने के हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, अब 7 फरवरी को होगी अगली सुनवाई

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4 हजार से ज्यादा परिवारों को रातों-रात उजाड़ना होगा गलत, उनका पुनर्वास जरूरी-  सुप्रीम कोर्ट

टाकिंग पंजाब

दिल्ली। उत्तराखंड के शहर हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर तकरीबन 50 हजार लोग रहते हैं जिनको नजरअंदाज करते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रेलवे की 29 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे को गिराने का आदेश दिया था। परंतु अब सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए कहा कि अब उस जमीन पर कोई कंस्ट्रक्शन व डेवलपमेंट नहीं होगा। इतने सारे लोग लंबे समय से वहां रह रहे हैं जिन्हें सात दिन में रातों-रात नहीं उजाड़ सकते।      सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि हमने इस पूरी प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई है। केवल हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई है। 7 दिन में ये लोग जमीन कैसे खाली करेंगे, उनका पुनर्वास तो जरूरी है। अब इस केस की अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि रेलवे की जमीन के इस्तेमाल को ध्यान में रखते हुए यह पहचान होनी चाहिए कि जमीन पर किन लोगों का अधिकार नहीं है और किन लोगों को पुनर्वास की आवश्यकता है।       हम बरसों से वहां रह रहें लोगों को हटाने के लिए फोर्स का प्रयोग करें। आपको बता दें कि उत्तराखंड के हल्द्वानी में बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे की 29 एकड़ जमीन है जिस पर बरसों से लोग रह रहें थे व अब वहां पर धीरे-धीरे बस्तियां बस रही हैं। इसी को देखते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने इन बस्तियों में बसे लोगों को हटाने के आदेश दिये थे।

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